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हाईकोर्ट ने अपनाया सख्त रुख: वर्चुअल सुनवाई में अधिवक्ता ने कार में बैठकर की बहस, रजिस्ट्रार जनरल को 48 घंटे में नियम बनाने का निर्देश

jantaserishta.com
4 July 2021 12:31 PM GMT
हाईकोर्ट ने अपनाया सख्त रुख: वर्चुअल सुनवाई में अधिवक्ता ने कार में बैठकर की बहस, रजिस्ट्रार जनरल को 48 घंटे में नियम बनाने का निर्देश
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फाइल फोटो 

जमानत अर्जी पर बहस करने को लेकर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है.

प्रयागराज. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में इन दिनों मुकदमों की सुनवाई वर्चुअल तरीके से हो रही है. लेकिन कोर्ट की सख्ती के बावजूद बार-बार वकील स्कूटर, कार या फिर खेत खलिहान से मुकदमे में बहस कर रहे हैं. दर्शन वकीलों को जहां पर भी लिंक कोर्ट से मिलता है. वहीं पर कनेक्ट कर बस शुरू कर देते हैं. वकीलों के इस रवैये पर इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले भी नाराजगी जता चुका है. लेकिन एक बार फिर से एक अधिवक्ता के कार में बैठकर जमानत अर्जी पर बहस करने को लेकर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है.

हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थितियों को देखते रजिस्ट्रार जनरल को 48 घंटे में वर्चुअल सुनवाई के नियम बनाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि नये नियम सभी बार एसोसिएशनों में कड़ाई से पालन के लिए भेजा जाए. कोर्ट ने वकीलों के इस रवैया पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि वकीलों को ध्यान में रखना चाहिए कि कोर्ट कार्यवाही के निश्चित नियम, प्रक्रिया व ड्रेस कोड होता है. वकील कोर्ट कार्यवाही में हिस्सा ले रहे हैं, न कि ड्राइंग रूम में बैठे हैं. कोर्ट ने कहा कि कोरोना के चलते मिली छूट का दुरुपयोग कतई नहीं होना चाहिए.
कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को कहा है कि वह वर्चुअल सुनवाई के समय क्या करें क्या न करें के नियम बनाए. बहस का तरीका, पहनावा और किस जगह से बहस करें यह स्पष्ट तौर पर वकीलों को बताया जाए. कोर्ट ने कहा है कि वकील इसका कड़ाई से पालन भी करें. नियम की अवहेलना करने पर दंड तय किये जायें. यह आदेश जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने सोनू व अन्य की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है.
कोर्ट ने याची अधिवक्ता संजय कुमार मिश्र द्वारा कार में बैठकर बहस करने पर नाराजगी जताई और अर्जी को 8 हफ्ते बाद पेश करने का निर्देश दिया है.. कोर्ट ने कहा है कि वकीलों से उम्मीद की जाती है कि वह कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में अपने, ऑफिस, चेम्बर या घर में अच्छे स्थान पर बैठकर कोर्ट को संबोधित करेंगे. गौरतलब है कि इससे पहले एक अधिवक्ता ने स्कूटर पर बैठकर मुकदमे की बहस की थी जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी.
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