ओडिशा। भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण अंडमान सागर और इसके आस-पास के इलाके में मई 6 को कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है. विभाग ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान ओडिशा के तट से टकरा सकता है. वहीं ओडिशा सरकार ने भी तूफान से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है. सरकार ने एनडीआरएफ की 17, ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स 20 और फायर सर्विस की 175 टीमों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है.
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने आजतक को बताया कि गर्मी के दिनों में इससे पहले भी ओडिशा फोनी, अमफ्न, और यास जैसे चक्रवार्ती तूफान का सामना कर चुका है. उन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में बने चक्रवात से प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की संभावना बहुत ही कम होती है. हालांकि, मौसम विभाग 6 मई को दबाव क्षेत्र बनने के बाद ही बता पाएगा कि तूफान की दिशा और गति क्या होगी.
प्रदीप कुमार जेना ने बताया कि चक्रवाती तूफान से क्षतिग्रस्त संभावित ओडिशा के 18 जिलों के जिलाअधिकारियों को किसी भी आपदा से निपटने को तैयार रहने का निर्देश दे दिया गया है. साथ ही आपदा ने निपटने के लिए सभी प्रकार के तकनीकी उपकरण को तैयार रखने का आदेश दिया है.
भारतीय मौसम विभाग के भुवनेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा कि 6 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद तूफान बन सकता है. इस दौरान हवा की अनुमानिक गति 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. वहीं, 8 मई को चक्रवात के दौरान हवा की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. मौसम वैज्ञानिक दास ने बताया कि चक्रवात के कारण मछूआरों को 5 मई से 8 मई तक अंडमान सागर एंव पूर्व-केंद्रीय बंगाल की खाड़ी के आप-पास के क्षेत्रों में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है. वहीं कम दबाव का क्षेत्र बनने पर परिस्थिति के अनुसार बंदरगाहों के लिए चेतावनी जारी की जा सकती है.