हाईटेक लुटेरों को हुई आजीवन कारावास की सजा, एनकाउंटर में पकड़े गए थे तीनों
बिहार. हुगली जिले की कोर्ट ने एक ऐसे गैंग के तीन बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जो बिहार से आकर पश्चिम बंगाल में लूट की घटनाओं को अंजाम देते थे. ये बदमाश बेहद शातिर दिमाग के हैं और इनका निशाना भी प्रोफेशनल शूटर्स की तरह है. 2021 में बंगाल पुलिस ने इन तीनों बदमाशों को एनकाउंटर में पकड़ा था. तब ये शातिर चंदननगर शहर में मुथूट गोल्ड एंड फाइनेंस के दफ्तर में लूट की घटना को अंजाम देकर भाग रहे थे. एनकाउंटर में बदमाशों की गोली से डीसीपी बाल-बाल बचे थे.
हुगली जिले के अपर जिला सत्र न्यायाधीश शिव शंकर घोष की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने तीनों अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तीनों बदमाशों ने मोबाइल नेटवर्क जैमर लूट की घटना को अंजाम दिया था. पुलिस का कहना था कि संभवत: पहली बार इतने हाई टेक तरीके से लूट की गई, ताकि सुरक्षा एजेंसियों तक सूचना ना पहुंच सके. माना जा रहा है कि इस तरह की घटना ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चुनौती खड़ी कर दी थी.
पुलिस ने तीनों बदमाशों के कब्जे से 70 राउंड गोला-बारूद, 7 मैगजीन और कई हथियार बरामद किए थे. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक साल 10 महीने में मामले में सजा सुनाई है. पुलिस के मुताबिक, चंदननगर में 21 सितंबर 2021 को मुथूट फाइनेंस के दफ्तर में बदमाशों ने धावा बोला था. सशस्त्र बदमाशों ने लाखों रुपये का सोना और जेवर लूट लिया था. हालांकि, चंदननगर पुलिस ने समय रहते मोर्चा संभाला और डीसीपी विदित राज भुंदेश और एसआई अतनु माझी टीम ने तीनों बदमाशों को पकड़ लिया था. एनकाउंटर में दोनों तरफ से गोलीबारी हुई. बदमाशों के निशाने इतने सटीक थे कि चंदननगर के डीसीपी बाल-बाल बचे थे. एक गोली डीसीपी की मूंछों को छूते हुए निकल गई थी. सौभाग्य से एक गोली उनके कान के किनारे से बिना किसी खरोंच के निकल गई.
पुलिस का कहना था कि पहली बार लुटेरों ने मोबाइल जैमर का इस्तेमाल किया था, जिसका उपयोग ज्यादातर आतंकवादी या माओवादी करते हैं. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लुटेरे बिहार के कुख्यात और खूंखार सुबोध सिंह गिरोह के हैं. ये गिरोह विशेष रूप से साल 2021 में बहुत सक्रिय रहा और देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में डकैती और लूट की घटनाओं को अंजाम दिया. बंगाल के दुर्गापुर शहर इनके सेंटर पॉइंट में रहा है. चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट में सीपी अमित पी जवालगी ने अदालत के ऐतिहासिक फैसले की सराहना की. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने सभी तीनों बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 21 सितंबर 2021 को मुथूट फाइनेंस के दफ्तर में जब लूट की घटना हुई थी, तब पुलिस की एक छोटी-सी टीम ने बहादुरी से बदमाशों का मुकाबला किया था. अपराधियों ने पुलिस पर कई राउंड फायरिंग की. सौभाग्य से पुलिस गोलियों से बच गई और भारी हथियारों से लैस तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद, पोर्टेबल नेटवर्क जैमर और लूटे गए जेवर बरामद किए थे.
इस मामले में पुलिस ने तीनों बदमाशों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की. उसके बाद मामले की सुनवाई हुगली की फास्ट ट्रैक कोर्ट के समक्ष शुरू हुई. इसकी बारीकी से निगरानी की गई. 18 जुलाई 2023 को फास्ट ट्रैक कोर्ट हुगली (सत्र न्यायालय) ने सभी बदमाशों को दोषी पाया और आईपीसी की धारा 307 392/397/394/326/34 और आर्म्स एक्ट की धारा 25(1)(बी)/27 आर/डब्ल्यू एस के तहत अपराध के लिए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई.