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म्यांमार से भारत में हेरोइन आ रही है। म्यांमार से मणिपुर, असम व अरुणाचल प्रदेश भेजा जाता है। इन राज्यों से हेरोइन को भारत के अन्य हिस्सों में भेजा जाता है। ये खुलासा मादक पदार्थ तस्कर अखिलेश कुमार रे (39) ने किया है। स्पेशल सेल ने मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर गिरोह के मुख्य मादक पदार्थ तस्कर अखिलेश कुमार रे (39) को गिरफ्तार किया है। इसके कब्जे से बढ़िया क्वालिटी की चार किलो हेरोइन बरामद की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बरामद हेरोइन की कीमत करीब 20 करोड़ रुपये बताई जा रही है। आरोपी दिल्ली, एनसीआर, यूपी के कुछ हिस्सों, बिहार व झारखंड में पिछले सात वर्षों से हेरोइन की सप्लाई कर रहा था।
स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार स्पेशल सेल की सूचना मिली थी कि मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला अंतरराष्ट्रीय गिरोह मणिपुर, असम, यूपी, बिहार व दिल्ली में सक्रिय है। इस गिरोह के सदस्य म्यांमार से हेरोइन मणिपुर लाते हैं और फिर भारत के अन्य हिस्सों में सप्लाई करते हैं। करीब चार महीने की जांच के बाद इंस्पेक्टर शिव कुमार को नौ अगस्त को सूचना मिली थी कि छपरा, बिहार निवासी अखिलेश कुमार रे ने बिहार से हेरोइन की बड़ी खेप ली है और उसे देने ईडीएम मॉल, गाजीपुर रोड पर शाम के समय आएगा। एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर शिवकुमार, जितेंद्र मावी व एसआई राजेश शर्मा की टीम ने ईडीएम मॉल के पास घेराबंदी कर अखिलेश रे को गिरफ्तार कर लिया। इसके बैग से चार किलो हेरोइन बरामद की गई।
स्पेशल सेल डीसीपी जसमीत सिंह के अनुसार आरोपी अखिलेश रे ने पूछताछ में बताया कि वह मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह को सदस्य है। वह पिछले सात वर्षों से दिल्ली-एनसीआर, यूपी के कुछ हिस्सों, बिहार व झारखंड में सात वर्षों से सप्लाई कर रहा था। वह हेरोइन की खेप हाजीपुर, बिहार स्थित एक व्यक्ति से लेता था। वह अपने दो साथियों के साथ मणिपुरी से मुल्लाजी से हेरोइन की खेप लेता था। मुल्लाजी हेरोइन की बड़े सप्लायर है। उस व्यक्ति के म्यांमार में संबंध है।
अखिलेश कुमार रे ने आगे खुलासा किया है कि म्यांमार और मणिपुर से तस्करी की गई हेरोइन की गुणवत्ता देश के कुछ हिस्सों में अफीम की वैध खेती के पारंपरिक क्षेत्रों में अफीम से निर्मित हेरोइन से काफी बेहतर है। यही कारण है कि म्यांमार और मणिपुर में निर्मित हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भारत में भी अत्यधिक मांग है। खुलासा हुआ है कि यह म्यांमार से मणिपुर के रास्ते दिल्ली एनसीआर समेत देश के अन्य हिस्सों में हेरोइन की तस्करी का प्रमुख नया मार्ग बन गया है। म्यांमार और मणिपुर से लाई गई हेरोइन न केवल लागत में तुलनात्मक रूप से सस्ती है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के बरेली, बदायूं, बाराबंकी, मध्य प्रदेश के मंदसौर और झालावाड़, चित्तौडग़ढ़ के कानूनी रूप से खेती की जाने वाली अफीम के क्षेत्रों में निर्मित हेरोइन की तुलना में बहुत अच्छी गुणवत्ता की है।
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