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मिड-डे मील के निरीक्षण में माताओं और महिला मंडलों की मदद ली जाएगी

Tara Tandi
11 Dec 2023 8:01 AM GMT
मिड-डे मील के निरीक्षण में माताओं और महिला मंडलों की मदद ली जाएगी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में स्थापित किए जाने वाले क्लस्टर स्कूलों में मिड-डे मील के निरीक्षण को बच्चों की माताओं और महिला मंडलों की मदद ली जाएगी। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने 300 से 500 मीटर की दूरी पर स्थित स्कूलों के क्लस्टर बनाने को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रिंसिपल या हेडमास्टर क्लस्टर स्कूलों की कमेटी के अध्यक्ष होंगे। सेंटर हेड या हेड टीचर को सदस्य सचिव बनाया जाएगा। क्लस्टर में शामिल सभी स्कूलों के प्रमुख, एक शिक्षक और एसएमसी से एक प्रतिनिधि को कमेटी का सदस्य बनाया जाएगा है। स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के लिए कमेटी अध्यक्ष को बताने के बाद ही क्लस्टर स्कूल के शिक्षक छुट्टी पर जा सकेंगे। राज्य के ऐसे सभी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक, उच्च और मिडल स्कूल, जिनके पास एक ही परिसर में प्राथमिक स्कूल चल रहा है को क्लस्टर स्कूल बनाया जाना है।

इसके लिए दिसंबर के अंत तक सभी जिला उपनिदेशकों से रिपोर्ट मांगी गई है। क्लस्टर स्कूलों के प्रिंसिपल, हेडमास्टर दिन-प्रतिदिन के समन्वय के लिए प्रमुख के रूप में कार्य करेंगे। हिमाचल प्रदेश में संसाधनों को साझा कर और समग्र गतिविधियों के जरिये गुणात्मक शिक्षा में सुधार के लिए क्लस्टर स्कूल बनाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। एक ही परिसर या आसपास (300 मीटर से कम दूरी के भीतर स्थित) और एक-दूसरे से 500 मीटर की दूरी पर मौजूद प्राथमिक, उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को स्कूल क्लस्टर के रूप में जाना जाएगा। राज्य में 1,984 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक, 960 उच्च और 1,885 मिडल स्कूल हैं।

प्राइमरी स्कूलों की संख्या 10,300 है। शिक्षा सचिव की ओर से जारी नए निर्देशों में स्पष्ट किया है कि अगर स्कूल दूरी पर होंगे तो मिड-डे मील को भिजवाने के लिए अन्य माध्यमों से भी मदद ली जा सकती है। क्लस्टर बनने पर भोजन बनाने वाले कर्मियों को किसी भी सूरत में नौकरी से पदभार मुक्त नहीं किया जाएगा।

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

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