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गेस्ट हाउस में जघन्य वारदात, युवती के साथ रेप के बाद हुई थी हत्या, अब कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

jantaserishta.com
16 March 2021 3:15 AM GMT
गेस्ट हाउस में जघन्य वारदात, युवती के साथ रेप के बाद हुई थी हत्या, अब कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
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2013 में हुए गेस्ट हाउस कांड के आरोपी को दोषी करार दिया है...

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिला अदालत ने साल 2013 में हुए नोएडा गेस्ट हाउस कांड के आरोपी को दोषी करार दिया है. उसे अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. नोएडा के गेस्ट हाउस में युवती के साथ रेप के बाद कत्ल कर दिया गया था. एडीजे विनीत चौधरी ने इस मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

दरअसल, 28 अगस्त 2013 में नोएडा के सेक्टर-20 थानाक्षेत्र में ये जघन्य वारदात हुई थी. मूल रूप से कानपुर की रहने वाली 28 साल की लड़की जो कि सेक्टर-27 स्थित पीजी में रहती थी. वह सेक्टर-26 स्थित एक एक्सपोर्ट हाउस के ऑफिस में बतौर फैशन डिजाइनर काम करती थी. वो अपने मित्र पनवेल मुंबई निवासी शहबाज एम देशमुख के साथ सेक्टर-27 के रूबीकॉन रेजीडेंसी में आई थी. दोनों ने कमरा बुक कराया था. रात में शहबाज वहां से चला गया था.
अगले दिन जब कमरे से कोई बाहर नहीं निकला तो गेट हाउस के मैनेजर को शक हुआ. उसने दरवाजा खोला तो लड़की कमरे के अंदर बेड पर पड़ी हुई थी और उसके मुंह से झाग निकल रहा था. मैनेजर ने फौरन इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने फौरन उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया मगर डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
फेसबुक के जरिए हुई थी दोस्ती
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों का कहना था कि हत्या करने से पहले उसके साथ रेप भी किया गया था. इस मामले में युवती के भाई ने सेक्टर-20 थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने इस केस में सीसीटीवी फुटेज, फोरेंसिक एविडेंस और गवाहों से पूछताछ के आधार पर चार्जशीट दाखिल की थी. अदालत में केस की सुनवाई के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि आरोपी शहबाज युवती से शादी नहीं करना चाहता था. आरोपी ने युवती को अपने जाल में फंसाकर गेस्ट हाउस बुलाया. इसके बाद उसने गेस्ट हाउस में युवती के साथ दुष्कर्म किया और हत्या कर दी थी.
कोर्ट ने रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना
नोएडा पुलिस ने इस केस में सुनवाई के दौरान कोर्ट में 13 गवाह पेश किए. गवाह और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने शहबाज को दोषी करार दिया. सरकारी वकील ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस बताते हुए शहबाज को फांसी की सजा देने की मांग की. कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना और शहबाज को उम्रकैद की सजा सुनाई है. उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.


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