भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त: कई जगह स्कूल बंद, आवागमन भी बाधित

देश के कई इलाकों में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. गुजरात, महाराष्ट्र में बारिश से हालात बिगड़े हुए देखे जा रहे हैं. दोनों राज्यों के कई जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.
गुजरात के जूनागढ़ में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. यहां जिला प्रशासन ने भारी बारिश की संभावना को देखते हुए तैयारी शुरू की है. जूनागढ जिले के सभी स्कूलों में दो दिन की छुट्टी कर दी गई है. इसके अलावा, सभी कोज-वे, बांध, चेकडैम पर पुलिस तैनात की गई है. पर्यटन स्थलों पर जाने पर पाबंदी लगाई है, ताकि कोई जन हानि ना हो. एनडीआरएफ की टीम अलर्ट मोड पर है. जरूरत पड़ने पर तुरंत मौके पर भेजे जाने की तैयारी है.
गुजरात में ओजत, साबली, हिरण सभी बांध अपनी क्षमता से 90 से 100 प्रतिशत फुल हो गए हैं. माना जा रहा है कि अब अगर भारी बारिश होती है तो हालात बिगड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में प्रशासन भी तैयारी के साथ अलर्ट है. लो लाइन के 20 गांवों को अलर्ट किया गया है. यहां लोगों से कहा गया है कि जरूरत ना हो तो घर से बाहर नहीं निकलें. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आपदा विभाग एवं तहसील अधिकारियों को भी सूचना दी है. गुजरात में बारिश के चलते पिछले 24 घंटे में 14 लोगों की मौत हो गई है. अब तक 83 लोगों की जान गई है. मौसम विभाग ने नवसारी, वलसाड, गीर सोमनाथ और जूनागढ़ में हाई अलर्ट जारी किया है. लगातार 3 दिन से हो रही बारिश की वजह से नवसारी, वलसाड, सूरत, नर्मदा, छोटा उदेयपुर, अहमदाबाद, सौराष्ट्र के गिर सोमनाथ, द्वारिका, राजकोट जैसे शहरों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बारिश के चलते प्रशासन ने नवसारी, वलसाड, कच्छ जिले के स्कूलों में छुट्टी दी है. अब तक 30 हजार से भी ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. मौसम विभाग ने भी आने वाले 24 घंटे में नवसारी, वलसाड, सूरत, डांग, जूनागढ़ और गिर सोमनाथ जिले के लिए अलर्ट जारी किया है. गुजरात में अब तक 101 कच्चे मकानों को नुकसान हुआ है. अब भी एनडीआरएफ की 18 टीम को तैनात किया गया है. बाढ़ की वजह से कच्छ, नवसारी और डांग के स्टेट हाइवे बंद हैं. जबकि 483 पंचायतों की सड़कें भी बंद हैं. गुजरात सरकार के आपदा मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी के मुताबिक, 729 गांवों में आज भी बिजली गुल है.