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फाइल फोटो | न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे जिंदगी पर मुसीबत बन आई है। पालघर जिले के वसई कस्बे में बुधवार को भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से एक व्यक्ति की मौत हो गई और उसके परिवार के दो सदस्य घायल हो गए। वहीं, नासिक जिले में भारी बारिश के बीच पिछले 24 घंटे में कम से कम छह लोग पानी में बह गए। उधर, मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
पालघर में भूस्खलन के बाद अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि परिवार के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि कहीं मलबे में कोई फंसा तो नहीं है। जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेकानंद कदम ने कहा कि भूस्खलन के बाद, वसई इलाके के राजवली के वाघरालपाड़ा में स्थित अनिल सिंह के घर पर सुबह साढ़े छह बजे पहाड़ी से बड़ा पत्थर गिरा, जिससे सिंह की मौत हो गई। सिंह की पत्नी वंदना सिंह और बेटा ओम सिंह को मलबे से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
नासिक शहर में बुधवार को भारी बारिश शुरू हुई। मंगलवार को डिंडोरी तालुका में छह साल की बच्ची परिजन के साथ आलंदी नदी पार कर रही थी, तभी वह पानी में बह गई। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि पेथ तालुका के मौज पल्शी खुर्द गांव में एक व्यक्ति गोदावरी नदी में बह गया। इससे पहले मंगलवार को सुरगना तालुका में नारा नदी को पार करते वक्त एक व्यक्ति पानी के तेज बहाव के कारण नदी में बह गया। एक अन्य घटना में छोटा पुल पार करते समय दो लोग बह गए।
बारिश न होने से परेशान महराजगंज जिले के लोगों ने बुधवार को सदर विधायक और पालिकाध्यक्ष को कीचड़ से नहलाया। दरअसल यह टोटका है। मान्यता के अनुसार इंद्र को प्रसन्न करने के लिए लोगों ने जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया और उन्होंने उसे मान लिया। जुलाई का एक पखवाड़ा बीतने वाला है और मानसून रूठा हुआ है। धान की करीब 30 फीसदी रोपाई सूख चुकी है। महराजगंज में लोगों ने सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया और नगरपालिका अध्यक्ष गोपाल जायसवाल को कीचड़ से नहलाया। महिलाओं ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इलाके के गणमान्य और प्रमुख लोगों को कीचड़ से नहलाने से इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और इससे खूब बारिश होती है।
दक्षिण गुजरात और कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्र में 24 घंटे में बारिश संबंधी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई। बचाव दल ने 31,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने बुधवार को बताया कि बारिश से हुए नुकसान के कारण कच्छ, नवसारी और डांग जिलों में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हैं। बारिश की वजह से 51 राज्य राजमार्ग, 400 पंचायत मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं।
ओडिशा में मंगलवार रातभर बारिश के कारण गजपति जिले में हुए भूस्खलन से 10 घर क्षतिग्रस्त हो गए। मलकानगिरी और कालाहांडी जिले में मुख्य सड़कें जलमग्न हो गईं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 48 घंटे में राज्य के नौ जिलों में भारी से बेहद भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है। मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि ओडिशा के कई इलाकों में भारी से बेहद भारी बारिश हुई जिससे कई स्थानों पर जलजमाव हो गया है।
राजस्थान के अनेक इलाकों में बीते 24 घंटे में मूसलाधार बारिश हुई। सबसे अधिक 12 सेंटीमीटर बारिश उदयपुर के मावली में दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार सुबह तक मावली में 12 सेंटीमीटर, डूंगरपुर के सागवाड़ा में सात सेंटीमीटर, प्रतापगढ़ में छह सेंटीमीटर, नदबई और जायल में पांच सेंटीमीटर, नोखा में चार सेंटीमीटर बारिश हुई। राज्य के झुंझुनू, बारां, चित्तौड़गढ़, अलवर में भी बारिश हुई।
प्रदेश बारिश, भूस्खलन, नदियों में प्रवाह बढ़ने और चट्टानों के दरकने का सिलसिला तेज हो गया है। मंगलवार को चट्टान की चपेट में आने से एक महिला और नाले में बहकर दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई। कर्णप्रयाग के पास ऑलवेदर रोड पर 11 घंटे बाद यातायात शुरू हुआ। प्रदेश की 158 सड़कें देरशाम तक नहीं खोली जा सकीं। भूस्खलन से यमुनोत्री मार्ग साढ़े तीन घंटे बंद रहा। श्रीनगर में अलकनंदा के उफान पर आने से घाट डूब गए।
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