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भारी बारिश: बदरीनाथ हाईवे बंद होने से धाम में रोके 2500 तीर्थयात्री, गंगोत्री हाईवे भी प्रतिबंधित

Deepa Sahu
18 Oct 2021 2:21 PM GMT
भारी बारिश: बदरीनाथ हाईवे बंद होने से धाम में रोके 2500 तीर्थयात्री, गंगोत्री हाईवे भी प्रतिबंधित
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चमोली जनपद में रविवार को देर शाम से शुरू हुई बारिश सोमवार को दिनभर जारी रही।

चमोली जनपद में रविवार को देर शाम से शुरू हुई बारिश सोमवार को दिनभर जारी रही। जगह-जगह मलबा और बोल्डर आने से बदरीनाथ हाईवे और मलारी हाईवे के साथ ही 13 ग्रामीण सड़कें बाधित हो गई हैं। बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पूरी तरह से ठप है। पुलिस ने धाम में करीब 2500 तीर्थयात्रियों को रोका हुआ है। यात्रियों के लिए प्रशासन ने बदरीनाथ धाम में खाद्यान्न और दूध की व्यवस्था की है। लगातार बारिश से ठंड में भी इजाफा हो गया है।

बदरीनाथ हाईवे पर पागलनाला के साथ ही हनुमान चट्टी से बदरीनाथ धाम तक तीन जगहों पर अवरुद्ध पड़ा है। चीन सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे भी तमक गांव के समीप चट्टान से बोल्डर गिरने के कारण बंद है। इससे सेना के वाहनों की आवाजाही भी दिनभर थमी रही। बदरीनाथ हाईवे पर रविवार रात को पागलनाला में भारी मात्रा में मलबा आ गया था। जेसीबी मशीनों से मलबे को हटाया गया, लेकिन दिनभर भारी बारिश होने से हाईवे को शाम तक भी नहीं खोला जा सका।
यहां तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को पीपलकोटी, हेलंग और जोशीमठ में ठहराया गया है। वहीं, जोशीमठ और बदरीनाथ के बीच जगह-जगह हाईवे पर मलबा और बोल्डर आ गए हैं। हाथी पहाड़ से भी हाईवे पर मलबा आ गया है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि तीर्थयात्रियों से नगर क्षेत्रों में शरण लेने की अपील की गई है। बदरीनाथ धाम में दो से ढाई हजार तीर्थयात्रियों को रोका गया है। बदरीनाथ हाईवे को खोलने का काम जारी है। धाम में राशन और दूध की व्यवस्था की गई है।
लोहाजंग और वाण में ही पर्यटकों को रोका
मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के बाद महाराष्ट्र और दिल्ली से आए पर्यटक लोहाजंग व वाण में ही रुके हैं। वन विभाग ने गैरोली पातल से पर्यटकों को वापस बुला लिया है। वन विभाग के डिप्टी रेंजर त्रिलोक बिष्ट ने बताया कि वेदनी, आली, ब्रह्मताल जाने के लिए पर्यटक लोहाजंग और वाण पहुंचे थे, जिन्हें वहीं रोक दिया गया है। जबकि चार टूरिस्टों को गैरोली से बुला लिया गया है। 19 अक्तूबर तक ट्रेकिंग पर रोक लगाई हुई है। सभी पर्यटक सुरक्षित स्थान पर हैं।
गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे अवरुद्ध
लगातार बारिश के कारण गंगोत्री हाईवे धरासू बैंड व धरासू थाने के बीच और नगुण गाड के पास मलबा व पत्थर आने से अवरुद्ध हो गया है। वहीं गंगोत्री धाम की ओर से सुक्की टॉप के पास भी हाईवे पर मलबा आया है। उधर, यमुनोत्री हाईवे भी खरादी, किशाला और कुथनौर के पास अवरुद्ध हुआ। इसे बाद में खोल दिया गया लेकिन गंगोत्री हाईवे तीनों जगह नहीं खुल पाया था। इसे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। बारिश जारी रहने से हाईवे बंद होने का खतरा बना हुआ है।
चमधार में बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध
भारी बारिश से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे की हालत खराब हो गई है। श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच चमधार में मलबा गिरने से यातायात अवरुद्ध है। छोटे वाहनों की श्रीनगर-खिर्सू-खेड़ाखाल-खांकरा मोटर मार्ग से आवाजाही करवाई जा रही है। तपोवन से रुद्रप्रयाग के बीच हाईवे पर जगह-जगह पत्थर गिर रहे हैं। लोगों से यात्रा न करने की अपील की गई है। पुलिस स्थानीय वाहनों के साथ ही उन्हीं वाहनों को आवागमन की अनुमति दे रही है जिसकी होटल में बुकिंग है। अन्य यात्रा वाहनों को लौटाया जा रहा है।
रविवार से हो रही बारिश के कारण चमधार में सोमवार सुबह से दोबारा पत्थरों की बारिश शुरू हो गई है। वहीं कलियासौड़ व तोताघाटी समेत अन्य स्थानों में भी पत्थर गिरे लेकिन यातायात अवरुद्ध नहीं हुआ। श्रीनगर पुलिस ने वाहनों को पौड़ी चुंगी और श्रीकोट बैरियर मेें रोक लिया। वहीं, कीर्तिनगर पुलिस ने ऋषिकेश की ओर जा रहे वाहनों को मलेथा से टिहरी रूट पर डायवर्ट कर दिया।
कोतवाल श्रीनगर हरिओम चौहान ने बताया कि लाउडस्पीकर के माध्यम से यात्रियों को यात्रा न करने के लिए कहा जा रहा है। स्थानीय वाहनों की आवाजाही करवाई जा रही है। यात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रुकने के लिए कहा गया है। कोतवाल कीर्तिनगर चंद्रभान अधिकारी ने बताया कि मलेथा से देवप्रयाग के बीच हाईवे पर पत्थर गिर रहे हैं। इस कारण मलेथा से आगे यात्री वाहनों को नहीं जाने दिया जा रहा है। इधर, पीडब्लूडी एनएच खंड के अधिशासी अभियंता बलराम मिश्रा के अनुसार, चमधार में लगातार पत्थर गिरने के कारण सड़क खुलने का काम रुका हुआ है। अन्य स्थानों पर मशीनें लगातार मलबा हटा रही हैं।
सिरोहबगड़ में पहाड़ी से गिरे मलबे से हाईवे बंद
लगातार हो रही बारिश से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ में बंद है। पहाड़ी से गिर रहे पत्थर व मलबे के कारण मशीनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। नरकोटा समेत अन्य स्थानों पर भी हाईवे संवेदनशील है। सोमवार को सुबह 10 बजे से सिरोहबगड़ में पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिरना शुरू हो गया था। इसके बाद पूरे दिनभर रूक-रूककर पहाड़ी से भूस्खलन होता रहा। इस कारण यातायात पूरी तरह से ठप रहा। एनएच ने यहां दो तरफ मशीनें तैनात कर दी हैं लेकिन मलबा साफ नहीं हो पा रहा है। नरकोटा के पास भी हाईवे पर पत्थर व मलबा गिर रहा है। इधर, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर भटवाड़ीसैंण, नौलापानी, बांसवाड़ा समेत अन्य स्थानों पर दिनभर कई बार पत्थर गिरते रहे। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भी राजमार्ग संवेदनशील बना हुआ है।
दो घंटे बंद रहा चंबा-धरासू हाईवे
चंबा-धरासू हाईवे सोमवार को दो घंटे तक यातायात के लिए बाधित रहा। रिखेलीखाला के समीप हाईवे पेड़ और पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण बंद रहा। इस दौरान वहां फंसे लोगों को भारी बारिश के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं सूचना देने के बाद भी बीआरओ एक घंटे बाद पहुंचा जिस पर लोगों ने आक्रोश जताया।
सोमवार अपराह्न 2.30 बजे लगभग रिखेलीखाला में एक पेड़ टूटकर हाईवे पर जा गिरा। कुछ ही देर बाद उसी स्थान पर पहाड़ी से मलबा और बोल्डर भी हाईवे आ गया, जिस कारण वाहनों की आवाजाही बंद हो गई और सड़क मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। वहां फंसे लोगों ने बताया कि हाईवे पर जो पेड़ टूटकर गिरा था वह छोटा था, लेकिन सूचना के एक घंटे बाद बीआरओ के मजदूर और अधिकारी मौके पर पहुंचे। जेसीबी से पेड़ और मलवा हटाकर हाईवे को शाम 4.30 बजे खोला गया। तब जाकर वहां से फंसे लोग अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।
कोटद्वार: मलबा आने से पांच सड़कें बंद, कई गांवों का संपर्क कटा
गढ़वाल की ऊंची पहाड़ियों से लेकर मैदानी क्षेत्र तक दो दिन से हो रही भारी बारिश से जहां कोटद्वार में पांच सड़कें बंद हो गई हैं, वहीं कई सड़कों पर पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। कोटद्वार से दुगड्डा के बीच पांचवें मील पर स्थित गदेरे के उफान पर रहने से करीब एक घंटा यातायात बाधित रहा। पुलिस ने कोटद्वार से ऊपर पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के दौरान न जाने की सलाह दी है। यूपी बाॅर्डर पर पर्यटकों को रोककर उन्हें अलर्ट किया जा रहा है। उधर, सड़कें बंद होने के कारण इन मार्गों से जुड़े दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क कट गया है। लोनिवि की ओर से बंद मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई हैं।
आपदा कंट्रोल रूम से प्राप्त सूचना के अनुसार, प्रांतीय खंड पौड़ी और निर्माण खंड पाबौ के अंतर्गत 191 किमी. पर सतपुली के निकट और 163 किमी. पर संगलाकोटी के समीप मलबा आने से दो जगहों पर मार्ग बंद हो गया है। इसके अलावा फतेहपुर-लैंसडौन प्रमुख जिला मार्ग पालकोट गांव के समीप, लिस्कोट-किनगोड़ीखाल ग्रामीण मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हो गया है। मार्ग बंद होने से इन मार्गों के दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क कट गया है।
लोनिवि की ओर से मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई हैं। डिग्री कॉलेज सतपुली के समीप गदेरे में मलबा आने से देवप्रयाग मार्ग बंद हो गया। मलबा हटाने के लिए लोनिवि की ओर से जेसीबी लगाई गई और दोपहर 2 बजे के बाद मार्ग पर यातायात सुचारु हो सका। सतपुली में नेशनल हाईवे पर विकास मोहल्ले के समीप मलबा आने से करीब तीन घंटा यातायात बाधित रहा। कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि कोटद्वार-दुगड्डा के बीच पांचवां मील के पास गदेरा उफान पर रहा। इस दौरान लोगों को गदेरे का जलस्तर कम होने के बाद ही आवाजाही के दिशा निर्देश दिए गए। बताया कि मैदानी क्षेत्रों से आए पर्यटकों को पहाड़ी मार्गों पर न जाने की सलाह दी गई है।
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