भारत
दिल रो पड़ा और हाथ कांपते रहे, ब्रिगेडियर लिड्डर की बेटी ने हादसे से पहले सुनाई थी ये कविता
jantaserishta.com
12 Dec 2021 1:31 AM GMT
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नई दिल्ली: हेलिकॉप्टर क्रैश में देश ने 13 सपूतों को खो दिया. इसमें ब्रिगेडियर लिड्डर भी शामिल थे. ब्रिगेडियर की बेटी आशना ने हाल ही में एक कविता सुनाई थी. इसके जरिए उन्होंने सैनिक की जिंदगी को शब्दों में पिरोया. हर शब्द भावनाओं से ओतप्रोत है. इसकी शुरुआत "एक अधूरा परिवार एक संपूर्ण राष्ट्र के लिए, आपकी कल्पना से परे बलिदान के लिए..." से होती है.
This is the poem Aashna Lidder ( daughter of Late Brigadier Lidder who lost his life in the Helicopter Crash) recited this from her own book, on Dec 3, in the Friday Book Reading session.
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) December 10, 2021
It was ominous when u listen to it. 🥲🥲😢
Life is very mysterious pic.twitter.com/svg6aIE3Gu
कविता में जिक्र है कि कैसे देश की रक्षा करते हुए एक वीर सैनिक शहीद हो जाता है. लेकिन समय की चाल देखिए, कौन जानता था कि जो बेटी एक वीर सैनिक की बहादुरी पर कविता लिख रही है, उसी के सिर से पिता का साया इतनी जल्दी उठ जाएगा. हादसे के बाद आशना ने खुद को संभालते हुए कहा था कि 'हम अच्छी यादों के साथ आगे बढ़ेंगे'.
बता दें कि किरण बेदी ने एक ट्वीट किया है, जिसमें ब्रिगेडियर लिड्डर की बेटी आशना एक कविता पढ़ रही हैं. "एक अधूरा परिवार एक संपूर्ण राष्ट्र के लिए, आपकी कल्पना से परे बलिदान के लिए..." कविता पढ़ते वक्त आशना के चेहरे के भाव आसानी से पढ़े जा सकते हैं.
बुक लॉन्च पर साथ थे पिता ब्रिगेडियर लिड्डर
बहादुर आशना का कहना था, "हम अच्छी यादों के साथ आगे बढ़ेंगे. यह एक राष्ट्रीय क्षति है. मेरे पिता एक नायक थे, मेरे सबसे अच्छे दोस्त." बता दें नवंबर के अंत में ब्रिगेडियर लिड्डर दिल्ली में आशना के साथ उनकी किताब 'इन सर्च ऑफ ए टाइटल: म्यूज़िंग ऑफ़ ए टीनएजर' नामक कविता के एक संग्रह के विमोचन के समय उनके साथ थे. किरण बेदी भी उस लॉन्च पर थीं. जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत उस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं.
रुंधे गले से गीतिका बोलीं, 'मैं एक सैनिक की पत्नी हूं'
अपने पति को श्रद्धांजलि देने के बाद ब्रिगेडियर लिड्डर की पत्नी गीतिका लिड्डर ने अथाह हिम्मत दिखाई. उनके मुंह से बस एक शब्द निकला, वो बोलीं, "मैं एक सैनिक की पत्नी हूं..." उनकी आंखें नम थीं. रुंधे हुए गले से उन्होंने कहा कि "गर्व से ज्यादा दुख है... जीवन अब बहुत लंबा है लेकिन... जो भी हो. अगर भगवान यही चाहते हैं, तो हम इस नुकसान के साथ जिएंगे. लेकिन इस तरह से हम उन्हें खोना नहीं चाहते थे." ब्रिगेडियर लिद्दर को "बहुत अच्छा पिता" बताते हुए उन्होंने कहा कि आशना उन्हें याद करेंगी.
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