सुप्रीम कोर्ट में यूक्रेन में फंसे लोगों के मामले पर सुनवाई जारी, CJI बोले - हमें छात्रों से हमदर्दी है...

कल भी इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई थी. सुनवाई की शुरुआत में कोर्ट ने मामले में कुछ कर पाने में असमर्थता जताई थी. चीफ जस्टिस ने कहा था कि वह पुतिन को युद्ध रोकने का आदेश नहीं दे सकते. हालांकि, अंत में कोर्ट ने याचिकाकर्ता की तरफ से जिन छात्राओं का मसला उठाया गया था, उसे एटॉर्नी जनरल के पास भेज दिया. कोर्ट ने एटॉर्नी जनरल से अनुरोध किया कि वह सरकार से बात कर इन छात्राओं की मदद का प्रयास करें.
वहीं जम्मू-कश्मीर के रहने वाले वरिष्ठ वकील ए एम डार ने कुछ छात्राओं का मसला कल सुबह चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच के सामने रखा. इस पर शुरुआती टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा था, हमें छात्रों से हमदर्दी है. पर कोर्ट इसमें कुछ नहीं कर सकता. हम पुतिन को युद्ध रोकने का आदेश नहीं दे सकते. सरकार ज़रूरी कदम उठा रही है. वकील के अनुरोध पर जजों ने कहा था कि वह एटॉर्नी जनरल से पूछेंगे कि मामले में क्या किया जा सकता है.
