छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए दायर जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

Admin2
4 Aug 2021 12:16 PM GMT
छत्तीसगढ़ मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए दायर जनहित याचिका पर हुई सुनवाई
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ मातृभाषा को प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए दायर जनहित याचिका पर डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। कार्यकारी चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी ने जनहित याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। डिवीजन बेंच ने स्कूल शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा मंडल से जवाब मांगा है। इसके लिए दो सप्ताह की मोहलत दी है।

छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना की प्रदेशाध्यक्ष लता राठौर ने वकील यशवंत ठाकुर के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने की मांग की है। प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर अध्ययन अध्यापन छत्तीसगढ़ी मातृभाषा में करने की मांग करते हुए इसके लिए राज्य शासन को निर्देशित करने की गुहार लगाई है। मातृभाषा में अध्ययन अध्यापन के संबंध में याचिकाकर्ता ने अपने वकील यशवंत ठाकुर के माध्यम से दलीलें भी पेश की है।

याचिका के अनुसार एनसीईआरटी ने वर्ष 2005 आदेश जारी किया था इसमें स्पष्ट कहा है कि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर बच्चों की पढ़ाई के लिए मातृभाषा सशक्त माध्यम होता है और महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है। याचिकाकर्ता ने वर्ष 2009 में केंद्र सरकार द्वारा जारी बालक-बालिका शिक्षा के अधिकार कानून की धारा 29 का जिक्र करते हुए कहा है कि राज्य शासन प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक की पढ़ाई बच्चों को मातृभाषा में प्रदान करेगी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा मातृभाषा में अध्ययन अध्यापन को लेकर समय-समय पर जारी आदेशों का छत्तीसगढ़ राज्य में परिपालन नहीं हो रहा है।

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