जहांगीरपुरी में एमसीडी के बुलडोजर एक्शन मामले में सुनवाई आज
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एमसीडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं. पहली याचिका में बिना नोटिस के बुलडोजर चलवा कर स्थानीय लोगों को उनके बुनियादी नागरिक अधिकार से वंचित करने की बात कही गई है, जबकि दूसरी अर्जी में देश के कई राज्यों में किसी भी आरोप के लिए अचानक बुलडोजर चलाने की सरकारी प्रवृत्ति पर रोक लगाने का आदेश देने की गुहार लगाई गई है. जहांगीरपुरी हिंसा के विरोध में 21 अप्रैल को जामिया में दोपहर 2 बजे प्रदर्शन किया जाएगा. अखिल भारतीय छात्र संघ एक समुदाय विशेष के घरों पर बुलडोजर चलाने और उन पर हुए प्रयोजित हमले के खिलाफ यह प्रदर्शन किया जा रहा है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट कर कहा कि बिना सूचना के जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलाना पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि वह गुरुवार सुबह वरिष्ठ नेताओं के साथ जहांगीरपुरी का दौरा करेंगे.
जहांगीरपुरी में बुधवार को करीब 2 घंटे तक MCD की कार्रवाई चली. अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए एमसीडी ने 7 बुलडोजर चलाए थे. अतिक्रमण हटाने के दौरान नगर निगम ने 25 से ज्यादा सामान को जब्त किया और 12 अवैध दुकानों को तोड़ा है. जहांगीरपुरी में बुधवार को बुलडोजरों से अवैध निर्माण हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट दोनों ने ही हस्तक्षेप करते हुए MCD की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने यथास्थिति का आदेश जारी किया है. CJI ने कहा कि गुरुवार को मामले की अगली सुनवाई होगी. इससे पहले MCD की ओर से कोर्ट में पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने तर्क दिया कि जिन संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है, वे अवैध हैं.