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कोरोना मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने पर SC में सुनवाई, दो हफ्तों में केंद्र जवाब दाखिल करेगा

Deepa Sahu
11 Jun 2021 4:06 PM GMT
कोरोना मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने पर SC में सुनवाई, दो हफ्तों में केंद्र जवाब दाखिल करेगा
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सुप्रीम कोर्ट

केन्द्र (Central Government) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि कोविड-19 से मरने वालों के परिवारों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिकाओं में उठाये गये मुद्दे ''वाजिब'' है और सरकार के विचाराधीन हैं

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ से उन्हें कुछ समय देने का अनुरोध किया ताकि वह याचिकाओं पर जवाब दाखिल कर सकें, मेहता ने पीठ से कहा, ''मुद्दे वाजिब हैं और इस पर ध्यान दिया जा रहा है. अगर अदालत मुझे कुछ समय देगी, तो मैं जवाब दाखिल करूंगा.'' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खबरों के अनुसार, बिहार सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह कोविड-19 के कारण मरने वालों के परिवारों को 4,00,000 रुपये की अनुग्रह राशि देगी.
जब याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने कहा कि अधिकारी घातक वायरस से मरने वालों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहे हैं, तो मेहता ने कहा, "मुझे अपना जवाब देने दें. मैं पहले ही कह चुका हूं कि उठाए गए मुद्दे वाजिब हैं. '' वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान वकील ने ब्लैक फंगस के मुद्दे का भी जिक्र किया.मेहता ने पीठ से दो सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया. पीठ ने मेहता से कहा, "हम आपको समय दे रहे हैं. हम अगले शुक्रवार तक का समय दे सकते हैं.'' इस पर मेहता ने कहा, ''कृपया दो सप्ताह का समय दें. '' पीठ ने पूछा, ''दो हफ्ते क्यों?
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ''सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया है कि मुद्दे भारत सरकार के विचाराधीन हैं और वह जवाब दाखिल करेंगे और उसके बाद मामले की सुनवाई हो सकती है. अनुरोध के अनुसार, जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाता है. इन याचिकाओं को 21 जून, 2021 के लिए सूचीबद्ध करें. याचिकाकर्ताओं के वकील को 18 जून तक जवाब दिया जाना चाहिए.''
शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें केंद्र और राज्यों को अधिनियम के तहत प्रावधान के अनुसार कोरोना वायरस पीड़ितों के परिवारों को चार लाख रुपये का मुआवजा और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति प्रदान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.


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