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कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली में बीजेपी नेता गंगाधर कयाल की याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी है. उन्होंने अपनी याचिका में नदी क्षेत्र में यौन उत्पीड़न के आरोपों पर एक कथित स्टिंग वीडियो की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की थी.
अपनी याचिका में बीजेपी नेता ने दावा किया था कि स्टिंग वीडियो को तकनीक की मदद से बनाया गया था और वीडियो में उनकी आवाज की मिमिक्री करके डाली गई थी. मसलन, बीजेपी नेता गंगाधर कयाल का कहना है कि स्टिंग वीडियो में उनकी नकली आवाज का इस्तेमाल किया गया था, जिसकी वजह से दावे के मुताबिक, संदेशखाली में तनाव पैद हो रहा है.
हाई कोर्ट में बीजेपी नेता की याचिका पर अब मंगलवार को फिर से सुनवाई होगी. उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि इस तरह के (स्टिंग) वीडियो से संदेशखाली में तनाव पैदा हो रहा है. याचिका में बीजेपी नेता ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की थी और आशंका जताई थी कि उनकी सुरक्षा को खतरा है.
बीजेपी नेता गंगाधर कयाल ने कोर्ट से यह आदेश जारी करने की भी मांग की थी कि उन्हें केंद्रीय बलों के घेरे वाली सुरक्षा दी जाए. पश्चिम बंगाल में सत्ता दल टीएमसी द्वारा शेयर किए गए एक स्टिंग वीडियो के बाद बीजेपी नेता के लिए मुश्किलें बढ़ी है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्टिंग वीडियो में एक शख्स यह दावा करता देखा गया कि संदेशखाली में यौन शोषण के आरोप असल में 'मनगढ़ंत' थे. हालांकि न्यूज एजेंसी ने वीडियो के सत्यापन से इनकार किया है.
याचिकाकर्ता बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि वह अपनी नकली आवाज के कथित इस्तेमाल को लेकर पहले ही सीबीआई अधिकारियों से मिल चुके हैं. मसलन, याचिका में उन्होंने कहा कि उनके कथित स्टिंग वीडियो मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए.
गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के ही आदेश पर सीबीआई उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में कथित यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के मामलों की जांच कर रही है.
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