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स्वास्थ्य व्यवस्था हुई बेपटरी: महिला ने बीच सड़क पर दिया बच्चे को जन्म, स्थानीय महिलाओं ने की मदद

jantaserishta.com
3 Oct 2021 10:15 AM GMT
स्वास्थ्य व्यवस्था हुई बेपटरी: महिला ने बीच सड़क पर दिया बच्चे को जन्म, स्थानीय महिलाओं ने की मदद
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सोनभद्र. जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. लाख दावों के बावजूद सरकारी योजनाएं गरीबों की पहुंच से दूर हैं. ताजा मामला सोनभद्र (Sonbhadra) जिले का है जहां एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी. पति उसे चोपन सीएचसी ले गया, जहां खून की कमी बताकर डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल भेज दिया. पर गरीबी की वजह से महिला के पति उसे ओबरा स्थित परियोजना अस्पताल ले गया. ओबरा अस्पताल में भी महिला को भर्ती करने से मना कर दिया गया. चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल के लिए भेज दिया. महिला के पति ने 108 नंबर एंबुलेंस पर फोन किया पर एंबुलेंसकर्मियों ने आने में असमर्थता जताई. जिसके बाद महिला के पति ने उसे पैदल ही लेकर ऑटो खोजने चल दिया. ओबरा परियोजना अस्पताल से महज 100 मीटर दूर पहुंचते ही महिला प्रसव पीड़ा से तड़पने लगी और बीच बाजार रास्ते में ही गिर कर तड़पने लगी. आसपास के लोगों ने महिला को तड़पता देख उसे त्रिपाल से घेर कर स्थानीय महिलाओं की मदद से बच्चे का जन्म कराया. बच्चे के जन्म बाद जच्चा बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. बच्चे के जन्म के बाद स्थानीय लोगों ने वापस दोनों को ओबरा परियोजना अस्पताल में भर्ती कराया.

मामला जुगौल थाना क्षेत्र के बेलगड़ी गांव निवासी पति राज मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता है. उसकी पत्नी पानमती को सुबह प्रसव पीड़ा हुई. परिजनों ने एंबुलेंस को बुलाने के लिए 108 नंबर पर फोन किया तो उधर से जवाब मिला कि अभी समय लगेगा. इसके बाद परिजन महिला को चोपन सीएचसी ले गए. वहां चिकित्सकों ने बगैर भर्ती किए महिला को जिला अस्पताल भेज दिया. जिला अस्पताल में खून की कमी बताते हुए चिकित्सकों ने बीएचयू रेफर कर दिया. आर्थिक तंगी के कारण थक हारकर परिजन वापस ओबरा आ गए और परियोजना अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे. पर परियोजना अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया.
थक हार कर महिला को ओबरा से घर वापस ले ही जा रहे थे. तभी महिला को अस्पताल से महज 100 मीटर दूरी पर गांधी मैदान के पास प्रसव पीड़ा तेज होने लगी, तभी आसपास की महिलाओं ने पीड़ा से तड़पती महिला को सड़क किनारे त्रिपाल का घेरा बनाकर उसमें चादर का पर्दा डाला और प्रसव कराया. इस दौरान पानमती ने बच्चे को जन्म दिया. सड़क किनारे प्रसव होने की जानकारी पर लोगों का जमावड़ा लग गया. पानमती को सपा नेता रमेश सिंह यादव व स्थानीय लोगों की मदद से परियोजना अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य होने की वजह से कुछ घंटे में ही दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया.


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