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स्वास्थ्य सचिव ने ली टीकाकरण अभियान की समीक्षा बैठक, 12 से 14 साल के सभी बच्चों को टीका लगाने का दिया निर्देश

jantaserishta.com
2 May 2022 1:16 AM GMT
स्वास्थ्य सचिव ने ली टीकाकरण अभियान की समीक्षा बैठक, 12 से 14 साल के सभी बच्चों को टीका लगाने का दिया निर्देश
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पंजाब: चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने रविवार को स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग के साथ टीकाकरण अभियान की समीक्षा बैठक की। उन्होंने 12-14 साल के बच्चों के अभियान में 50 प्रतिशत लक्ष्य की ही प्राप्ति पर चिंता जताई। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को सामंजस्य स्थापित कर बच्चों के टीकाकरण अभियान को 15 मई तक शत प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया। वहीं, स्कूल स्तर पर अभिभावकों को जागरूक करने को कहा। उन्होंने बताया कि 6-12 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए प्रशासन ने तैयारी लगभग पूरी कर ली है। सिर्फ केंद्र से निर्देश मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

एक हफ्ते के दौरान अभियान ने पकड़ी रफ्तार
उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के चिह्नित लक्ष्य को बहुत पहले ही पूरा किया जा चुका है। वहीं 15-18 साल के बच्चों के अभियान में 96 प्रतिशत को पहली व 57 प्रतिशत को दूसरी खुराक लगाई जा चुकी है जबकि 12-14 साल के चिह्नित बच्चों में से 53 प्रतिशत को पहली खुराक व 7.50 को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। इस आयु वर्ग के बच्चों में टीकाकरण की धीमी रफ्तार चिंता का कारण है लेकिन पिछले एक हफ्ते के दौरान उसमें तेजी आई है। इसके साथ ही 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ ही अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को सरकारी अस्पतालों में प्रिकॉशन डोज नि:शुल्क लगाई जा रही है। वहीं 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग इसे निजी अस्पतालों में तय शुल्क देकर लगवा सकते हैं।
बिना टीका लगवाए बच्चे स्कूल में नहीं कर पाएंगे प्रवेश
उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि 12-18 साल के जिन बच्चों ने टीका नहीं लगवाया है उन्हें चार मई से कक्षा में प्रवेश न करने दिया जाए। वहीं यह भी बताया कि जिन बच्चों ने टीका नहीं लगवाया है उन्हें कोरोना से बचाव के मानकों के पालन के साथ परीक्षा में शामिल होने दिया जाए। उन्होंने शिक्षकों को खासतौर पर निर्देश दिया कि वे टीकाकरण के लिए बच्चों को जागरूक करने में विशेष रूप से सहयोग दें।
टीके को एक्सपायर होने से पहले करें एक्सचेंज
समीक्षा बैठक के दौरान निजी अस्पतालों में उपलब्ध टीके के स्टॉक पर भी चर्चा की गई। इस पर प्रशासक के सलाहकार ने कहा कि निजी अस्पताल अपने यहां उपलब्ध टीके के एक्सपायरी तिथि की समीक्षा खुद कर लें। जो स्टॉक 30 जून तक की समाप्ति वाले हो तो उसे तत्काल स्वास्थ्य विभाग से बदल लें ताकि उन टीकों का उपयोग विभाग प्राथमिकता के आधार पर कर सके। इसके लिए निजी अस्पताल राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. मंजीत सिंह से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस आदान-प्रदान से उन पर कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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