कर्नाटक। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर (Karnataka Health Minister K Sudhakar) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बिना किसी वैज्ञानिक सबूत और तर्कसंगत तर्क के कहा है कि भारत में कोविड-19 से दर्ज हुईं मौत, असल संख्या नहीं हैं. उन्होंने कहा कि देश में हर मौत को वैज्ञानिक रूप से पंजीकृत किया गया है. यहां हर मौत को सही से दर्ज किया गया है. दरअसल डब्ल्यूएचओ (World Health Organisation) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कोरोना वायरस से 47.4 लाख लोगों की मौत हुई है. ये संख्या भारत के आंकड़ों से दस गुना अधिक है और दुनिया में संक्रमण से कुल मौतों का एक तिहाई है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए के सुधाकर ने कहा, 'डब्ल्यूएचओ ने बिना किसी वैज्ञानिक सबूत और तर्कसंगतता के कहा है कि भारत में कोविड-19 से दर्ज हुई मौत की संख्या, असल संख्या नहीं है. यहां मौजूद सभी स्वास्थ्य मंत्रियों ने इसकी निंदा करने के लिए प्रस्ताव को पास किया है. हम अपने खुद के आंकड़ों पर टिके हैं क्योंकि इस तरह का अभ्यास और आंकड़ों का भारत ने हमेशा ही पालन किया है. इस देश में हर मौत को वैज्ञानिक रूप से दर्ज किया गया है. भारत में हर मौत को दर्ज किया गया है.'
एक दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद (सीसीएचएफडब्ल्यू) के सम्मेलन में शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन के भारत में कोविड-19 से जुड़ी 47 लाख मौतों के अनुमान पर कड़ी आपत्ति जताई गई. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रस्ताव में कहा गया है कि आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मॉडलिंग पद्धति त्रुटिपूर्ण है और डब्ल्यूएचओ का अनुमान भारत के लिए अस्वीकार्य है क्योंकि देश एक पारदर्शी और कानूनी प्रक्रिया के बाद व्यवस्थित रूप से कोविड की मौतों को दर्ज करता है.