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दिल्ली। दिल्ली सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए आरोग्य कोष के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराती है. इसमें इंप्लांट, जांच, सर्जरी और सड़क दुर्घटना पीड़ितों का इलाज किया जाता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 से मार्च 2022 तक योजना के तहत 4.27 लाख से अधिक मरीज लाभ उठा चुके हैं. इसके लिए केजरीवाल सरकार की ओर से 168.43 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
मनीष सिसोदिया ने बताया कि केजरीवाल सरकार की इस योजना के तहत दिल्ली के नागरिकों को इलाज मुहैया कराया जाता है. सरकारी अस्पतालों में वेटिंग होने पर मरीज प्राइवेट अस्पताल में कैशलेस इलाज करवा सकते हैं. इस स्कीम में दिल्ली का हर वो नागरिक इलाज करा सकता है, जिसके पास दिल्ली का वोटर कार्ड है. 19 साल से कम उम्र के बच्चों को यह सुविधा उनके माता-पिता के वोटर कार्ड के आधार पर मिलेगी.
आरोग्य कोष के अंतर्गत इंप्लांट के लिए 5 लाख तक की आर्थिक सहायता मिलती है. इसके लिए मरीज को दिल्ली आरोग्य कोष में अपना आवेदन और अन्य डाक्यूमेंट्स जमा करने होते हैं. यह पूरी तरह से कैशलेस स्कीम है. पिछले 5 साल में 5028 लोग इसका लाभ उठा चुके हैं. सरकार ने इसके लिए 47.61 करोड़ रुपये दिए है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि आरोग्य कोष योजना के तहत सभी सरकारी अस्पताल के साथ प्राइवेट अस्पतालों और कई मान्यता प्राप्त लैब को भी जोड़ा गया है. ताकि मरीज सरकारी अस्पतालों में वेटिंग होने पर प्राइवेट अस्पताल या लैब में मुफ्त मेडिकल टेस्ट करवा सकें. योजना के तहत मरीज करीब 136 तरह के मेडिकल टेस्ट मुफ्त करा सकते हैं. इस योजना के तहत पिछले 5 साल में 3.91 लाख से ज्यादा लोग प्राइवेट अस्पताल और लैब से फ्री मेडिकल टेस्ट का लाभ उठा चुके हैं. सरकार ने इसके लिए 68.34 करोड़ रुपये दिए हैं.
आरोग्य कोष के तहत दिल्ली सरकार के अस्पताल में सर्जरी में 30 दिन से ज्यादा की वेटिंग होने पर सरकार की 'फ्री सर्जरी स्कीम' के तहत मरीज प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त सर्जरी करवा सकते है. इस योजना के तहत पिछले 5 साल में 11669 लोग फ्री और कैशलेस सर्जरी का लाभ उठा चुके हैं. सरकार ने इसके लिए 24.37 करोड़ रुपये दिए हैं.
दिल्ली आरोग्य कोष के तहत इस स्कीम में 'फरिश्ते योजना'भी शामिल है. इसके तहत सड़क दुर्घटना, आग में झुलसने जैसी दुर्घटनाओं के पीड़ित व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज तो मिलता है. दुर्घटना के 72 घंटे के भीतर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने पर इलाज का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाती है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले 3 साल में केजरीवाल सरकार की इस योजना का लाभ 18919 लोग उठा चुके हैं. सरकार ने इसके लिए 28.11 करोड़ रुपये दिए.