बिहार में सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था ही चौपट नहीं है बल्कि इसे सुधारने की जिम्मेवारी जिस स्वास्थ्य विभाग के कंधे पर है वह भी पूरी तरह चौपट ही दिखाई दे रही है. डॉक्टर के तबादले को लेकर एक ताजा मामला सामने आया है जिसके बारे में जानकर समझ जायेंगे आखिर स्वास्थ्य विभाग की नाकामी पर बार-बार क्यों सवाल खड़े किए जाते हैं. दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने शिवांगी नाम की एक ऐसे महिला रेजिडेंट डॉक्टर की पोस्टिंग पटना से दरभंगा DMCH में की गई है जो करीब ग्यारह महीने पहले ही इस दुनिया को छोड़ स्वर्ग सिधार गयी हैं. अब भला जो इस धरती पर है ही नहीं वह भला कैसे DMCH अस्पताल पहुंच कर अपना योगदान देंगी और कैसे यहाँ मरीज़ो का इलाज़ होगा?
बात इतनी ही नहीं बल्कि पहले से ही डॉक्टरों की कमी झेल रहे DMCH अस्पताल के जिस एनेस्थीसिया विभाग में महिला डॉक्टर को योगदान करना था वहां वह तय समय के भीतर तो नहीं ही पहुंची, लेकिन उनकी जगह दरभंगा में काम कर रहे डॉक्टर अविनाश को पटना PMCH भेज दिया गया. जाहिर है इससे यहां एक और डॉक्टर की कमी हो गयी. बता दें कि उन्नीस सेंसन पोस्ट है, लेकिन फिलहाल पांच ही डॉक्टर से काम इतने बड़े अस्पताल का चल रहा था. उसमें भी एक डॉक्टर अविनाश को पटना तबादला होने के कारण विभाग में डॉक्टर की कमी हो गई है.
एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर हरि दामोदर सिंह की मानें तो उनकी जानकरी के अनुसार सीनियर महिला रेजिडेंट डॉक्टर शिवांगी तकरीबन ग्यारह महीने पहले ही किसी कारण बस सुसाइड कर ली थीं और उनका शव तब PMCH के कस्तूरबा गर्ल्स हॉस्टल में मिला था. इसकी खबर उन्हें मीडिया के माध्यम के साथ -साथ उनके सम्पर्क वाले रेजिडेंट डॉक्टर ने भी जानकारी दी थी. हलाकि उन्होंने यह जरूर कहा कि आधिकारिक रूप से शिवांगी की मौत की सूचना उन्हें नहीं दी गयी है. इसलिए योगदान के आखिरी दिन तक इंतजार किया गया.