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प्रेमिका की हत्या कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दी थी लाश, अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई

jantaserishta.com
8 April 2024 10:52 AM GMT
प्रेमिका की हत्या कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दी थी लाश, अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई
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20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
रांची: रांची में प्रेमिका की हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक देने वाले संजीव कुमार को अपर न्यायायुक्त एस बिरुआ की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
वारदात 2019 की है। संजीव कुमार का एक महिला के साथ प्रेम प्रसंग था। वह उस पर शादी के लिए दबाव बना रही थी, लेकिन संजीव किसी और से शादी करने की तैयारी कर रहा था। इस वजह से उसने महिला की हत्या कर दी और इसे दुर्घटना का रूप देने के लिए लाश को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था।
बाद में पुलिस ने मामले का खुलासा किया। अदालत ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर उसे दोषी करार दिया था। सोमवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत ने आजीवन कारावास का फैसला सुनाया।
कोर्ट ने दी सजा
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में महज 13 साल की बेटी से दो साल तक उसके पिता ने ही दुष्कर्म किया। बंधक बनाकर हैवानियत की गई। पिता के चंगुल से किसी तरह छूटकर किशोरी ने रिपोर्ट दर्ज कराई। विशेष न्यायालय पोक्सो एक्ट ने छह महीने में ही सुनवाई पूरी कर दंडादेश जारी कर दिया। जिसमें दुष्कर्मी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
थाना अलीगंज में 3 अगस्त को पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि उसकी मां किसी अन्य व्यक्ति के साथ भाग गई थी। जब वह 11 साल की थी, तबसे उसके पिता का व्यवहार बदल गया। पीड़िता ने बताया कि उसके साथ दो वर्ष तक अवैध संबंध बनाता रहा। उसको धमकाकर बाईपास स्थित गोदाम में बंद रखता था। पिता ने 1 अगस्त 2023 को भी दुष्कर्म किया। इसके बाद वह तड़पती रही। 3 अगस्त को किसी तरह मौका पाकर वह गोदाम से भाग निकली। इसके बाद अपनी ताई के पास पहुंची और पूरी घटना बताई। बाद में थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई।
विशेष लोक अभियोजक श्रीकृष्ण यादव और विनय शर्मा ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित विवेचना की और आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया। जिस पर अदालत ने 25 सितंबर 2023 को संज्ञान लिया और मामले की सुनवाई शुरू हो गई। आरोपों को सिद्ध करने के लिए पीड़िता, चिकित्सक और मुक़दमे के विवेचक आदि की गवाही कराई गई। अनेक साक्ष्यों को उपलब्ध कराया। कड़ा विरोध कर दलील दी कि एक पिता द्वारा अपनी नाबालिग पुत्री के साथ बार-बार बलात्कार जैसा घृणित कार्य एक जघन्य अपराध है। भारतीय समाज में पिता-पुत्री के संबंध को पवित्रतम माना जाता है। यदि एक पुत्री अपने पिता के साथ भी सुरक्षित नहीं तो वह समाज में कहां जाएगी?
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