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नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में काम कर रहे कनाडा और अमेरिका के दो विदेशी नागरिकों को अपना आधिकारिक विवाह समारोह आयोजित करने और यहां अपनी शादी को पंजीकृत कराने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंघम की पीठ ने हिंदू-ईसाई जोड़े द्वारा भारत में अपनी शादी के पंजीकरण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुझाव दिया कि यह जोड़ा 17 जनवरी को सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट से संपर्क कर शादी के लिए फॉर्म जमा करे।
छह महीने से भारत में रह रहा यह जोड़ा शादी करके यहीं रहना चाहता है। युगल को त्रुटि संदेश दिखाया गया था और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर अपना विवरण जमा करने पर आगे बढ़ने से रोक दिया गया था, उन्हें अपनी शादी को पंजीकृत करने की आवश्यकता थी। संदेश में लिखा था: कम से कम एक पार्टी भारतीय होनी चाहिए।
हालांकि, युगल ने सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट कार्यालय में संबंधित प्राधिकरण पर सवाल उठाया और कहा कि विदेशी नागरिकों के लिए भारत में अपनी शादी करने पर कोई रोक नहीं है, खासकर जब वह भारत में रह रहे हों। दंपती को बताया गया कि अगर वह ऑफलाइन आवेदन करते हैं तो ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं है।
इस बीच, विभाग के वकील ने कहा कि वह विवाह के पंजीकरण के लिए पोर्टल में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। पीठ ने इसके अलावा, शहर सरकार को दिशा-निर्देशों में संशोधन करने और ई-पोर्टल में बदलाव करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इस पर स्थिति रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया।
चूंकि दिशानिर्देश और ई-पोर्टल 2019 के बाद नहीं बदले गए थे, इसलिए अदालत ने विभाग के सचिव को 19 जनवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
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