हाइटेक सिटी में बढ़ रहा हवाला कारोबार, एक सप्ताह में पकड़े गए दो हवाला रैकेट
नोएडा पुलिस कमिश्नरेट ने बीते 1 सप्ताह के दौरान 2 हवाला रैकेट को पकड़ा है। इसमें एक का जयपुर से कनेक्शन था। इसमें 10 लाख मिले हैं। हालांकि यह तो सिर्फ टोकन मनी थी और डील तो तीन करोड़ की होनी थी। वहीं दूसरे का पटना कनेक्शन है। इसमे 50 लाख रुपए मिले हैं। इससे पहले भी कोतवाली सेक्टर 58 पुलिस ने गुजरात, दिल्ली व मुंबई के हवाला कारोबारियों के पास से 3 करोड़ से अधिक की बरामदगी की थी। इस गैंग के आरोपी सीएसआर फंड (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) का फजीर्वाड़ा कर ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने का खेल खेल रहे थे।
गौरतलब है कि देश व विदेश की कंपनियों को सीएसआर फंड के तहत एक तय अमाउंट सरकार की तरफ से सामाजिक कार्यों के लिए देना होता है। सीएसआर के तहत बड़ी कंपनियों को इसके लिए करोड़ों रुपए देने होते हैं। ऐसे में आरोपी किसी बड़ी कंपनी के मालिकों से संपर्क कर उनके सीएसआर फंड का हिस्सा अपनी फर्जी कंपनी में डाल लेते हैं और उनके पैसों को सामाजिक कार्यों में खर्च दिखाकर कैश को ब्लैक से वाइट कर लेते हैं। सीएसआर फंड के जरिए कई बड़ी कंपनियां अपने बैलेंस शीट में भी इसका इस्तेमाल दिखाती हैं और टैक्स से उन्हें रिबेट भी मिलती है। साथ ही साथ वह अपने सामाजिक दायित्व के निर्वहन को भी पूरा करने की बात इन सीएसआर फंड के जरिए कहती हैं। कई बड़ी कंपनियां जगह-जगह सीएसआर फंड के जरिए लोगों की मदद के लिए काम करती हैं। पकड़े गए आरोपी 33 प्रतिशत कमीशन पर देश-विदेश की कई कंपनियों के सीएसआर फंड को अपनी शेल कंपनियों में लेकर कैश दे रहे थे। पकड़े गए सभी गैंग इसी तरीके के मॉडल पर काम करते हैं।
जब भी हवाला कारोबार का कोई रैकेट पकड़ा जाता है, तो देश भर की अलग-अलग एजेंसी, चाहे वह आईबी हो या ईडी, उसकी जांच में शामिल हो जाती हैं। नोएडा से भी गिरफ्तार किए गए हवाला मामले की जांच में न केवल आयकर विभाग बल्कि आईबी और ईडी की टीम भी शामिल हो चुकी है। कई एजेंसियों की जांच में यह भी बात सामने आई है कि नोएडा में हवाला कारोबार की बढ़ोतरी हुई है और नोएडा अब तेजी से हवाला कारोबार का एक नया केंद्र बनता जा रहा है।