हाथरस केस में एसआईटी की जांच पूरी हो गई है और अब सीबीआई की जांच ने रफ्तार पकड़ ली है। सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम ने गुरुवार को हाथरस के चारों आरोपियों के परिजनों से बात की। सीबीआई ने आरोपियों के घर जाकर तकरीबन 4 घंटे तक पूछताछ की और कागजात व सबूतों के साथ वहां से रवाना हो गए। उधर, हाथरस केस की जांच के लिए गठित एसआईटी की जांच पूरी हो गई है और वह जल्द ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। सीबीआई की टीम चंदपा पुलिस थाने का दौरा करने बाद गुरुवार को सुबह 11 बजे के आस-पास गांव पहुंची। तीन आरोपी संदीप, रवि और रामू के घर एक ही परिसर में हैं। लवकुश का घर थोड़ा आगे है। संदीप के पिता नरेंद्र सिंह ने दावा किया कि उनका बेटा बेकसूर है। उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा उस वक्त मेरे साथ था जब बताया जा रहा है कि लड़की के साथ रेप हुआ था।'
संदीप के पिता ने कहा, 'हमें एक गांव के ही आदमी से पता चला कि लड़की घायल है।' नरेंद्र सिंह बोले, 'मैं नारको टेस्ट के लिए तैयार हूं। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है।' उन्होंने कहा कि दोनों परिवारों के बीच विवाद रह चुका है। वह आगे बोले, '2001 में लड़की के दादा की शिकायत पर हम जेल जा चुके हैं।'
सीबीआई की टीम संदीप के घर से उसका फोन और एक मार्कशीट लेकर गई। रवि के पिता अत्तर सिंह ने सीबीआई के सवालों पर कुछ बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'वे लोग रवि के कुछ कागजात अपने साथ ले गए हैं।' सूत्रों का कहना है कि सीबीआई टीम चारों आरोपियों से पूछताछ के लिए कोर्ट से इजाजत मांगने वाली है , जो अलीगढ़ जेल में बंद हैं।
संदीप को 20 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था जबकि लवकुश को 23 सितंबर, रवि को 25 सितंबर और रामू को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। संदीप जबसे जेल में बंद है, उसकी अपने परिवार से बातचीत नहीं हुई है, न ही रामू और लवकुश ने अपने परिवार में बात की है। इस दौरान सिर्फ रवि ने अपने परिवार से दो बार से बात की। वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने इसकी पुष्टि की।अलीगढ़ जिला जेल के जेलर प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि कोविड-19 प्रतिबंध के चलते परिवारों को जेल में बंद कैदियों से मुलाकात करने की इजाजत नहीं है। हां हफ्ते में दो बार फोन पर जरूर बात कर सकते हैं।