बिहार। बिहार में शव की पहचान की लापरवाही में हद हो गई। एक तो पुलिस ने जल्दबाजी में मामले से पीछा छुड़ाना चाहा, दूसरा परिजनों ने भी शव की पहचान करने में हड़बड़ी कर दी। पुलिस की इस तत्परता से मुर्दा जिंदा होकर बोल पड़ा। मामला बिहार के पूर्णिया जिले का है। दरअसल, पुलिस को एक लावारिस शव बरामद हुआ। एक परिवार ने उस शव को अपनी बेटी का शव होना बताया। इसके बाद पुलिस ने झटपट शव का पोस्टमार्टम कराया और परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों ने भी आनन-फानन में उसका दाह संस्कार कर दिया। पूरे मामले में नया मोड़ उस वक्त आया, जब इस घटना के बाद युवती ने अपने परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की।
पूर्णिया जिले के भवानीपुर थाना क्षेत्र में बीते मंगलवार को एक अज्ञात युवती का शव अकबरपुर ओपी के डढ़वा गांव के नजदीक से पुलिस ने बरामद किया था। शव को बलिया ओपी क्षेत्र अंतर्गत तुलसी बिशनपुर गांव निवासी बिनोद मंडल एवं उनके परिजनों ने अपनी पुत्री का शव होने की बात पुलिस को बताई थी। परिजनों ने उस शव की पहचान अपनी बेटी के रूप में करते हुए उसका पोस्टमार्टम कराने के बाद दाह संस्कार कर दिया। बीते शुक्रवार को विनोद मंडल की पुत्री ने अपने परिजनों से मोबाइल पर वीडियो कॉल कर बात की और खुद के जिंदा होने की बात बतायी। इतना सुनते ही परिजन हक्के-बक्के रह गए।
दरअसल, बिनोद मंडल के परिजनों ने बताया कि डेढ़ महीने पहले उनकी पुत्री अपने प्रेमी के साथ घर से चली गई थी। उसके बाद से उन लोगों की बात अपनी बेटी से नहीं हुई थी। युवती के परिजनों ने यह मान लिया था कि उसकी मौत हो चुकी है। इस बीच मंगलवार को एक अज्ञात शव की बरामदगी की जानकारी पुलिस ने उनलोगों को दी। शव की पहचान करने पहुंचे परिजनों ने पुलिस अधिकारियों को उसे अपनी बेटी का शव बताया। इसके बाद पुलिस ने निश्चिंत होकर शव का पोस्टमार्टम कर शव बिनोद मंडल के परिजनों को सौंप दिया।