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हरियाणा विस अध्यक्ष ने आयोजित की बजट अध्ययन के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला

Shantanu Roy
6 March 2023 6:05 PM GMT
हरियाणा विस अध्यक्ष ने आयोजित की बजट अध्ययन के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला
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चंडीगढ़। हरियाणा विधान सभा की ओर से बजट अनुदान की मांगों का अध्ययन और उस पर रिपोर्ट्स तैयार करने के लिए सोमवार को प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न दलों के 25 विधायकों ने भाग लिया। लोक सभा की ओर से ‘संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान’ (प्राइड) की टीम ने यह प्रशिक्षण दिया। इस टीम में लोक सभा के निदेशक सी कल्याण सुंदरम, अतिरिक्त निदेशक उत्तम चंद भारद्वाज और पूर्व संयुक्त सचिव विनोद कुमार त्रिपाठी शामिल रहे। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि बजट सत्र के दौरान अनुदान मांगों पर अध्ययन के लिए कमेटियों का गठन और उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करने वाला हरियाणा देश के गिने-चुने राज्यों में से है। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील समाज में लोकतांत्रिक मूल्यों को विशेष बल दिया जाता है। आधुनिक समय जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
जनप्रतिनिधियों को जहां अपने निर्वाचन क्षेत्र के हितों के लिए सतत आग्रह रखना होगा, वहीं उन्हें देश-प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में भी अपना चिंतन स्पष्ट रखना होगा। हम भले ही किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर आए, लेकिन जब बात विकास की होगी तो पूरे प्रदेश के हितों को केंद्र में रखना होगा। गुप्ता ने कहा कि विधायकों की प्रमुख रूप से 3 भूमिकाएं रहती हैं। वे राज्य में बनने वाले कानूनों पर चर्चा करते हैं और उन्हें पारित करते हैं। दूसरा, सुशासन सुनिश्चित करने के लिए सरकार के कामकाज पर नजर रखते हैं। तीसरा, बजट के जरिए सार्वजनिक संसाधनों के प्रभावी आबंटन को सुनिश्चित करते हैं। गुप्ता ने कहा कि नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार के उद्देश्य से सरकारी धन को शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, सामाजिक कल्याण, पुलिस और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाता है। विधायकों की बनी। इन कमेटियों ने यह जांच करनी चाहिए कि यह धन कहां से जमा किया जा रहा है, इसे किस प्रकार खर्च करने की योजना है और क्या इस व्यय से अपेक्षित परिणाम हासिल होंगे। कार्यशाला के प्रथम सत्र को लोक सभा के पूर्व संयुक्त सचिव विनोद कुमार त्रिपाठी ने संबोधित किया। त्रिपाठी ने संसदीय समितियों की संरचना और उनकी कार्यप्रणाली पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि संसद में लोक सभा और राज्य सभा के अधिकार क्षेत्र वाली कमेटियों के उदाहरण देते हुए राज्यों में इनकी प्रासंगिकता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ये कमेटियां बड़े ही प्रभावी ढंग से सुपरवाइजरी भूमिका का निर्वहन कर रही हैं।
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