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हरियाणा सरकार ने किसानों से खरीदा 18 लाख मिट्रिक टन धान, फसल मंडी में अभी भी जारी

Deepa Sahu
13 Oct 2021 6:39 PM GMT
हरियाणा सरकार ने किसानों से खरीदा 18 लाख मिट्रिक टन धान, फसल मंडी में अभी भी जारी
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पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों में इन दिनों धान की खरीद (Paddy procurement) जारी है. धान की अगेती करने वाले किसान अपनी फसल मंडी में ले जाकर बेच रहे हैं.

पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों में इन दिनों धान की खरीद (Paddy procurement) जारी है. धान की अगेती करने वाले किसान अपनी फसल मंडी में ले जाकर बेच रहे हैं. नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 3 से 13 अक्टूबर तक यानी दस दिन में कुल 18,19,312 टन धान की खरीद की जा चुकी है. वही किसान धान बेच पा रहे हैं जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora Portal) पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है.


किस जिले में कितनी हुई खरीद
राज्य में धान की खरीद के मुख्य जिलों अंबाला में 2,23,134 टन, कैथल 2,95,354 टन, करनाल में 4,11,999 टन, कुरूक्षेत्र में 5,09,298 टन तथा यमुनानगर में 2,18,721 टन धान की खरीद की गई है. सभी खरीद संस्थाओं द्वारा किसानों को उनकी धान की फसल की अदायगी भी तुरंत की जा रही है.

कितना हुआ भुगतान
अभी तक खाद्य विभाग 356.44 , हैफड 310.31 तथा हरियाणा वेयरहाउसिंग कोरपोरेशन 106.66 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बदले अब तक कुल 773.44 करोड़ रुपये उनके बैंक अकाउंट (Bank Account) में दे दिए गए हैं.

खरीदे गए धान का मंडियों से उठान शुरू
खरीदे जा चुके धान का मंडियों से उठान का कार्य भी शुरू हो चुका है. इसके लिए परिवहन ठेकेदार नियुक्त किए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा मंडियों में धान खरीद प्रक्रिया के निरीक्षण के लिए आईएएस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. मिलिंग के लिए राज्य के सभी जिलों में कुल 1036 राईस मिल पंजीकृत की गई हैं.

पिछले साल कितनी हुई थी खरीद
खरीफ मार्केटिंग सीजन 2020-21 में हरियाणा सरकार ने 56.55 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा था. जबकि 2019-20 में 64.29 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा गया था. यानी एक साल में ही धान की खरीद में रिकॉर्ड 7.74 लाख मिट्रिक टन की कमी हो गई थी. इस बार उम्मीद पिछला रिकॉर्ड टूटने की है. हालांकि अब जल संकट को देखते हुए सरकार यहां गैर बासमती धान की खेती को हतोत्साहित कर रही है. धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन रकम दी जा रही है.
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