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हार्दिक पटेल की सभा को पुलिस ने रोका, रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले छात्रों से जा रहे थे मिलने
jantaserishta.com
29 Jan 2022 3:14 PM GMT
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रेलवे भर्ती बोर्ड की एनटीपीसी परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर आंदोलन करने वाले छात्रों से भर्ती विधान के तहत युवा संवाद करने गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल शनिवार को प्रयागराज आए। पुलिस ने सरदार पटेल संस्थान गेट पर ही हार्दिक पटेल को रोक दिया। इसे लेकर छात्रों और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई। लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गेट पर ही हार्दिक पटेल ने भर्ती विधान के तहत एक घोषणा पत्र लांच किया।
हार्दिक पटेल ने कहा कि हम देश की आवाज मजबूत करने का काम कर रहे हैं। मैं किसी से डरता नहीं हूं। गुजरात में मोदी-शाह के सामने लड़ कर आया हूं। मैं जब से राजनीति में आया हूं तब से लोगों के लिए लड़ रहा हूं और आगे भी लडूंगा। चुनाव के समय किसी को प्रचार नहीं करने दिया जाएगा। यह कैसी बात है? अभी भाजपा वाले कुछ दिन पहले यहां आकर रैली कर गए। तब उन्हें नहीं रोका गया। सिर्फ कांग्रेस के साथ ऐसा व्यवहार क्यों हो रहा है। क्योंकि कांग्रेस सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री महात्मा गांधी की पार्टी है।
इसके बाद हार्दिक पटेल वापस कार में बैठे और छोटा बघाड़ा के लिए निकल गए। लेकिन पुलिस उनके पीछे लगी रही। पुलिस ने उन्हें छोटा बघाड़ा से पहले हाशिमपुर चौराहे पर रोककर लौटा दिया। इसके बाद हार्दिक पटेल लीडर रोड स्थित कांग्रेस पार्टी के कार्यालय पहुंचे और वहां छात्रों से बातचीत की। उनके साथ यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवासन और एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन मौजूद रहे। इसके बाद घर-घर जाकर शहर दक्षिणी में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगा। फिर बारा विधानसभा के लिए निकल गए। अनुग्रह नारायण सिंह, अविनाश यादव, पं. जितेश मिश्र, अखिलेश यादव, सतीश मिश्र, जितेंद्र तिवारी, सूरज शुक्ल, निशांत रस्तोगी मौजूद रहे।
पटेल सेवा संस्थान के गेट पर पत्रकारों से बात करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार के इशारे पर युवाओं और बेरोजगारों के मुद्दे उठाने से रोका जा रहा है। हार्दिक ने कहा कि प्रशासन का दावा है कि आयोजन के लिए पर्याप्त पुलिस बल नहीं है। यह अजीब बात है कि हम इसी के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि युवाओं को रोजगार मिले ताकि पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी हों। यह सब सरकारी मशीनरी और सत्ता का दुरुपयोग है। हम देश बचाने के लिए लड़ रहे हैं और 21 साल की उम्र से ही लड़ रहे हैं। हम चाहते हैं कि शिक्षित युवाओं को रोजगार मिले।
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