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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
मुंबई: भारत में एक बार फिर हलाल और झटका मांस का मुद्दा उठ रहा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने हलाल मीट का विरोध किया है। साथ ही उन्होंने इसके तार टेरर फंडिंग से जोड़े हैं। मनसे का कहना है कि इसके चलते हिंदुओं की आजीविका और राजस्व पर भारी असर पड़ा है। खास बात है कि कुछ समय पहले ही कर्नाटक में हलाल मीट के प्रोडक्ट्स पर विवाद हुआ था।
ठाकरे की पार्टी ने हलाल मीट के खिलाफ अभियान शुरू करने की बात कही है। साथ ही उन्होंने इसे आतंकवाद को आर्थिक मदद पहुंचाने वाला सबसे बड़ा तंत्र बताया है। पार्टी की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, 'हलाल मीट की अहमितयत इतनी बढ़ गई है कि झटका मीट का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।' आगे कहा गया, 'यह मैकेनिज्म शाकाहारी भोजन और मांस नहीं खाने वाले लोगों को भी निशाना बना रहा है।'
महाराष्ट्र नवनिर्माण व्यापारी सेना ने इसे लेकर खुला खत लिखा है। उन्होंने कहा, 'एक तरीके से हम अपने खर्च पर आतंकवाद को आर्थिक मदद दे रहे हैं। हमें इसे 'न' करके महाराष्ट्र में रोकना होगा। हमें आंदोलन खड़ा करने के लिए लोगों की जरूरत है और लोगों से इस काम में जुड़ने की अपील करते हैं।' कुछ समय पहले ही मनसे ने मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया था।
कर्नाटक में हिंदू जनजागृति समिति, श्रीराम सेना और बजरंग दल समेत समूहों ने हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध की मांग की थी। खबर है कि 1 अप्रैल को राज्य के भद्रावति में होटल के स्टाफ को हलाल खाना नहीं परोसने के लिए धमकाया था। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में संगठन उगादी त्यौहार के बीच हलाल मीट पर आपत्ति जता रहे थे।
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