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पैसों का इंतजाम करके दी थी रिश्वत, फिर जो हुआ वो हैरान कर देगा!

6 Jan 2024 12:46 AM GMT
पैसों का इंतजाम करके दी थी रिश्वत, फिर जो हुआ वो हैरान कर देगा!
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आगरा: आगरा में सिकंदरा पुलिस पर अवैध हिरासत में रखकर 30 हजार रुपये वसूलने का आरोप है। पीड़ित की शिकायत पर जांच चल रही है। पीड़ित का आरोप है कि जांच अधिकारी ने अभी तक संपर्क नहीं किया है। वह महीनों से भटक रहा है। उसे पाबंद कर दिया। हर 15 दिन में एसीपी कोर्ट …

आगरा: आगरा में सिकंदरा पुलिस पर अवैध हिरासत में रखकर 30 हजार रुपये वसूलने का आरोप है। पीड़ित की शिकायत पर जांच चल रही है। पीड़ित का आरोप है कि जांच अधिकारी ने अभी तक संपर्क नहीं किया है। वह महीनों से भटक रहा है। उसे पाबंद कर दिया। हर 15 दिन में एसीपी कोर्ट में तारीख पर आना पड़ता है। लोन लेकर पुलिस को रिश्वत दी थी।

आवास विकास कालोनी सेक्टर 12 बी निवासी बनवारी ने शिकायत की है। पिता वीरेंद्र सिंह गांव नगला मुरली, रुनकता में रहते हैं। बनवारी ने 22 नवंबर को पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह से शिकायत की थी। उन्होंने जांच डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय को दी। डीसीपी ने जांच एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद को दी थी। पीड़ित शुक्रवार को पुलिस ऑफिस आया था। पीड़ित ने बताया कि 14 अक्तूबर को गांव में पिता और छोटे भाई की पत्नी आरती के साथ गांव में कुछ युवकों ने मारपीट की थी।

बड़ा भाई देहरादून में रहता है। भाई को गांव से पता चला। उसे फोन किया। उस समय वह खंदारी बाईपास चौराहे के पास था। उसने 112 नंबर पर सूचना दी। रुनकता पुलिस चौकी पहुंचा। छोटा भाई भी वहां आ गया। रुनकता पर पुलिस ने बात नहीं सुनी। अभद्रता की। पुलिस दोनों भाइयों को सिकंदरा थाने ले आई। जानकारी पर पिता भी आ गए। रात दो बजे तक पुलिस ने उन्हें थाने में अवैध हिरासत में रखा।

छोड़ने के 30 हजार रुपये मांगे। पिता के पास मात्र 10 हजार रुपये थे। शेष 20 हजार का रात में ही इंतजाम करना था। छोटे भाई को पुलिस ने उसका मोबाइल दिया। भाई ने क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया। पुलिस ऑनलाइन रिश्वत लेने को तैयार नहीं थी। भाई ने रकम अपने दोस्त को ट्रांसफर की। दोस्त एटीएम से 20 हजार रुपये निकालकर लाया। पुलिस को 30 हजार रुपये दिए तब पुलिस ने उन्हें छोड़ा।

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