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ज्ञानवापी मामला: वाराणसी कोर्ट में फैसला आज

Nilmani Pal
24 May 2022 12:58 AM GMT
ज्ञानवापी मामला: वाराणसी कोर्ट में फैसला आज
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यूपी। वाराणसी जिला जज की अदालत मंगलवार को फैसला सुनाएगी कि ज्ञानवापी मामले से जुड़ी किस याचिका पर पहले सुनवाई होगी। ज्ञानवापी परिसर विवाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में तकरीबन 45 मिनट तक दोनों पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के बाद सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। साथ ही वादी पक्ष, डीजीसी सिविल के प्रार्थना पत्र, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की आपत्ति पर सुनवाई की गई। जिला जज ने सुनवाई के बाद पत्रावली सुरक्षित रखी है। वाद की पोषणीयता पर मंगलवार को जिला जज का आदेश आएगा। मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूरे कचहरी परिसर में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रही।

अदालत कक्ष में वादी-प्रतिवादी के पक्षकारों और उनके अधिवक्ताओं को छोड़ किसी अन्य के जाने पर दोपहर दो बजे से रोक लगा दी गई। कुल 23 लोग अदालत में गए। कार्यवाही शुरू होते ही अंजुमन इंतेजामिया ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में यह तय होना चाहिए कि राखी सिंह समेत पांच अन्य बनाम स्टेट ऑफ यूपी का वाद सुनवाई योग्य पोषणीय है या नहीं। कहा कि वाद दाखिल होने के बाद पोषणीयता पर चुनौती दी गई थी, लेकिन निचली अदालत ने इसको अनदेखा करते हुए सर्वे कमीशन का आदेश दे दिया। अब इसी बात का पहले निर्णय होना है कि विशेष उपासना स्थल अधिनियम 1991 लागू होता है या नहीं।

वहीं वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि कमीशन कार्यवाही वीडियो, फोटोग्राफ इस वाद से जुड़े साक्ष्य हैं। उसकी वीडियो व फोटोग्राफ की पहले नकल दी जाए, फिर दोनों पक्षों से आपत्ति आने के बाद तय हो कि वाद पोषणीय है या नहीं। उन्होंने कहा कि यहां विशेष उपासना स्थल कानून लागू नहीं होता है। साथ ही उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन की बीमारी का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा। डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने भी कहा कि प्रतिवादी गण ने विशेष उपासना स्थल कानून को लेकर दाखिल आवेदन की प्रति नहीं दी है फिर भी 1991 के पहले और बाद में भी पूजा हो रही है। ऐसे में यह कानून लागू नहीं होता है।

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