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ज्ञानवापी केस ब्रेकिंग: नहीं होगी शिवलिंग की कार्बन डेटिंग, हिंदू पक्ष को झटका, कहा- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

jantaserishta.com
14 Oct 2022 11:08 AM GMT
ज्ञानवापी केस ब्रेकिंग: नहीं होगी शिवलिंग की कार्बन डेटिंग, हिंदू पक्ष को झटका, कहा- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

वाराणसी: वाराणसी की सेशन कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इसके बाद हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है. हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे.
दरअसल, वाराणसी की सेशन कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराया गया था. इस दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने का दावा किया था. जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था. हिंदू पक्ष ने अब इस कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की. हालांकि, कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.


कोर्ट के इस फैसले के बाद हिन्दू पक्ष के वकील नित्यानंद राय ने भी कहा था कि अगर हिन्दू पक्ष चाहे तो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकता है. न्यायालय में इसके लिए विकल्प खुला है. उन्होंने कहा कि फिलहाल जहां शिवलिंगनुमा आकृति मिली है वो जगह सील ही रहेगी. नित्यानंद राय ने कहा कि शिवलिंगनुमा आकृति की कार्बन डेटिंग को खारिज किया है उसके अस्तित्व को खारिज नहीं किया है.
अदालत ने कहा कि ऐसी स्थिति में यदि कार्बन डेटिंग तकनीक का प्रयोग करने पर या ग्राउंड पेनिनट्रेटिंग रडार का प्रयोग करने पर उक्त कथित शिवलिंगम को क्षति पहुंचती है तो यह सुप्रीम कोर्ट के 17 मई के आदेश का उल्लंघन होगा इसके अतिरिक्त ऐसा होने पर आम जनता की धार्मिक भावनाओं को भी चोट पहुंच सकती है. अदालत ने कहा कि भारतीय पुरातत्व को सर्वे का निर्देश दिया जाना उचित नहीं होगा और ऐसा आदेश देने से इस वाद में निहित प्रश्नों के न्यायपूर्ण समाधान की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती है. इसलिए इस प्रार्थना प्रत्र को खारिज किया जाता है.
अगस्त 2021 में 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका डाली थी. इस पर सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वे कराने का आदेश दिया था. हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला. जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा था कि ये एक फव्वारा है. इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी.
सेशन कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
SC ने केस जिला जज को ट्रांसफर कर इस वाद की पोषणीयता पर नियमित सुनवाई कर फैसला सुनाने का निर्देश दिया था. जिला जज ने पूजा की मांग वाली याचिका को सुनवाई योग्य माना था.
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