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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
6 बार के विधायक का टिकट कटा.
अहमदाबाद: गुजरात में बीजेपी ने 166 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का नाम का ऐलान कर दिया है. पार्टी की ओर से ऐलान होने के बाद एक मौजूदा और 4 पूर्व विधायकों ने टिकट नहीं मिलने पर बगावती रुख अपनाया है. बीजेपी के इन नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी दी है. हालांकि इनमें से कुछ नेताओं ने कहा है कि वे समर्थकों से परामर्श करने के बाद अपना अगला कदम उठाएंगे.
बीजेपी के पूर्व विधायक और पार्टी के जाने-माने आदिवासी चेहरा हर्षद वसावा ने शुक्रवार को अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित नंदोद सीट से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. वसावा गुजरात बीजेपी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं. वह 2002 से 2012 तक तत्कालीन राजपीपला सीट से विधायक चुने गए थे. जिस सीट से हर्षद वसावा ने नामांकन दाखिल किया है, नर्मदा जिले की उस नांदोद सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है. इस सीट से बीजेपी ने डॉक्टर दर्शना देशमुख को उतारा है. बीजेपी प्रत्याशी से नाखुश वसावा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और अपना नामांकन दाखिल कर दिया.
बता दें कि गुजरात विधानसभा की 182 सीटों पर 2 चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण में एक दिसंबर और दूसरे चरण में 5 दिसंबर को वोटिंग होगी. चुनाव के नतीजों का ऐलान 8 दिसंबर को किया जाएगा. वसावा ने कहा कि यहां असली और नकली बीजेपी है. हम उन लोगों को बेनकाब करेंगे, जिन्होंने पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को किनारे कर दिया और नए लोगों को प्रमुख पद दिए. मैंने अपना इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है. यहां के लोग जानते हैं कि विधायक रहते हुए यहां मैंने कितना काम किया है.
नर्मदा के पड़ोसी वडोदरा जिले में एक मौजूदा और दो पूर्व बीजेपी विधायक भी टिकट नहीं मिलने नाराज हैं. वाघोड़िया से छह बार के विधायक मधु श्रीवास्तव का टिकट काटते हुए इस बार बीजेपी ने अश्विन पटेल को उतारा है. इससे नाराज होकर मधु श्रीवास्तव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. श्रीवास्तव ने कहा था कि अगर उनके समर्थक चाहेंगे तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. वाघोड़िया के अलावा पड़रा सीट पर बीजेपी के पूर्व विधायक दिनेश पटेल उर्फ दीनू मामा को भी टिकट नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. इस सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है, यहां से बीजेपी ने चैतन्यसिंह जाला को टिकट दिया है.
इसके अलावा करजण सीट पर बीजेपी ने सिटिंग विधायक अक्षय पटेल को टिकट दिया है, जिसकी वजह से पूर्व विधायक सतीश पटेल की नाराजगी सामने आई है. अक्षय पटेल ने 2017 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी. वह 2020 में भाजपा में शामिल हुए और उपचुनाव जीते. पूर्व विधायक सतीश ने कहा कि सभी जानते हैं कि विधायक के रूप में अक्षय ने क्या काम किया. मेरे समर्थकों और सहयोगियों ने मुझसे निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए कहा है. सतीश पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी द्वारा अक्षय पटेल को टिकट देने का फैसला करने से पहले मुझसे सलाह नहीं ली गई थी. उन्होंने दावा किया वास्तव में बीजेपी के 80 फीसदी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने मेरे नाम की सिफारिश की थी, लेकिन मेरा नाम खारिज कर दिया गया था. हम अक्षय पटेल को कभी स्वीकार नहीं कर सकते.
गुजरात बीजेपी महासचिव भार्गव भट्ट और गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी ने शनिवार को बीजेपी का दौरा किया और बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. भट्ट ने विश्वास जताया कि बीजेपी वडोदरा की सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी. बीजेपी नेता भट्ट ने कहा कि हम दीनू मामा को निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ने के लिए मनाएंगे. हमें उम्मीद है कि वह हमेशा बीजेपी के साथ रहेंगे और यकीन है कि वह वापस आ जाएंगे. उन्होंने अभी तक निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल नहीं किया है. इस मामले पर बोलते हुए हर्ष संघवी ने कहा कि बीजेपी एक परिवार की तरह है और इसके सभी सदस्य एकजुट हैं. हम सब एक हैं और बीजेपी लोगों के समर्थन से चुनाव जीतेगी.
इस बीच जूनागढ़ की केशोद सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक अरविंद लदानी ने घोषणा कर दी कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे क्योंकि पार्टी ने देवभाई मालम को टिकट दिया है. अरविंद ने कहा कि केशोद के लोग नाराज हैं क्योंकि बीजेपी ने मुझे टिकट नहीं दिया. लोग जानते हैं कि मैंने कितना काम किया है. इसलिए मेरे समर्थकों ने भी मुझे निर्दलीय लड़ने के लिए कहा है. मैं 14 नवंबर को अपना नामांकन दाखिल करूंगा. अरविंद लदानी 2012 से 2015 तक केशोद सीट से विधायक रह चुके हैं.
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