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नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जारी किए द‍िशा-न‍िर्देश, अब स‍िख यात्री कृपाण के साथ करेंगे फ्लाइट में सफर

Kunti Dhruw
14 March 2022 9:35 AM GMT
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जारी किए द‍िशा-न‍िर्देश, अब स‍िख यात्री कृपाण के साथ करेंगे फ्लाइट में सफर
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने स‍िख यात्रियों (Sikh Passengers) को व‍िमान यात्रा पर बड़ी राहत दी है.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने स‍िख यात्रियों (Sikh Passengers) को व‍िमान यात्रा पर बड़ी राहत दी है, और अब वह कृपाण (Kirpan) के साथ सफर कर सकेंगे. इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से द‍िशा-न‍िर्देश जारी किए गए हैं. मंत्रालय की तरफ से जारी द‍िशा-न‍िर्देशों में कृपाण के ब्लेड की लंबाई 15.24 सेंटीमीटर से अधिक नहीं होनी चाह‍िए, साथ ही कृपाण की कुल लंबाई 22.86 सेंटीमीटर से ज्‍यादा नहीं होनी चाह‍िए. मंत्रालय ने कहा है कि स‍िख यात्रियों को यह परमिशन केवल घरेलू टर्मिनलों से संचालित होने वाले भारतीय विमानों में यात्रा करने के ल‍िए मिली है.

मंत्रालय ने अब एक संशोधित आदेश में अपने पुराने आदेश में ल‍िखे हुए उस ह‍िस्‍से को हटा दिया है, जिसमें कहा गया था कि किसी भी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल पर किसी भी कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से कृपाण ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा ने भी स‍िखों को मिली इस राहत पर ट्वीट किया है. उन्‍होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'स‍िख यात्रियों और कर्मियों को ड्यूटी के दौरान हवाई सफर में कृपाण ले जाने की पाबंदी हटा दी है. स‍िख कर्मी और यात्री अब कृपाण को भारतीय एयरपोर्ट पर ले जा सकते हैं.' उन्‍होंने इसके ल‍िए पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय नाग‍र‍िक उड्डयन मंत्री ज्‍योत‍िराद‍ित्‍य स‍िंध‍िया को तुरंत कार्रवाई के ल‍िए धन्‍यवाद भी द‍िया.

कुछ द‍िन पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिदर सिंह धामी ने भारत के एयरपोर्ट पर काम करने वाले सिख कर्मचारियों को कृपाण पहनने पर पाबंदी लगाने का सख्त नोटिस लिया था. उन्‍होंने कहा था कि भारत सरकार की तरफ से हाल में ही जारी किए नोटिफिकेशन में सिख कर्मचारियों को एयरपोर्ट के अंदर कृपाण को पहन कर जाने से रोका है, जोकि सिख पंथ के साथ धक्केशाही है.

सरकार के फैसले की हुई थी न‍िंदा
स‍िख यात्रियों के कृपाण के इस्‍तेमाल पर रोक लगाने के फैसले पर एडवोकेट धामी ने भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र भी भेजा था. इस पत्र में सरकार के नोटिफिकेशन की सख्त शब्दों में निदा करते हुए एतराज जताया गया. उन्होंने कहा था कि यह फैसला तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह अपने ही देश में सिखों की धार्मिक आजादी पर बड़ा हमला है, इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा.
'अमृतसर व‍िकास मंच' ने भी जताया व‍िरोध
'अमृतसर व‍िकास मंच' के संरक्षक कुलवंत सिंह अंखी ने भी सरकार के फैसला का व‍िरोध जताया था. उन्‍होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव और सिखों की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए इस फैसले को वापस लेना जरूरी है. उन्‍होंने कहा कि यह अनुच्छेद 25 के तहत भारत के संविधान द्वारा प्रदान किए गए अध‍िकारों का उल्‍लंघन है, जो एक अमृतधारी सिख को अपनी धार्मिक आवश्यकताओं के रूप में 'कृपाण' ले जाने की अनुमति देता है. हमारी संस्था नागरिक उड्डयन मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से मांग करती है कि फैसले को तुरंत वापस लिया जाए, ताकि एयरपोर्ट के किसी कर्मचारियों के साथ भेदभाव न हो.
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