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विकसित भारत संकल्प यात्रा के संदर्भ में वीसी के माध्यम से दिए दिशा निर्देश

Tara Tandi
14 Dec 2023 12:25 PM GMT
विकसित भारत संकल्प यात्रा के संदर्भ में वीसी के माध्यम से दिए दिशा निर्देश
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प्रतापगढ़ । विकसित भारत संकल्प यात्रा की तैयारियों एवं पोर्टल पर अपलोड किये जाने वाली विभिन्न सूचनाओं की समीक्षा के संबंध में शासन सचिव एवं आयुक्त रवि जैन ग्रावि एवं परावि जयपुर की अध्यक्षता में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वीसी कक्ष में बैठक आयोजित की गई। उन्होंने वीसी के माध्यम से सभी जिलों में डे नोडल अधिकारी नियुक्त कर सांय तक रिपोर्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलावार वैन वितरण को सुनिश्चित करते हुए वैन की मैपिंग शुरू करने तथा जिलावार जिला स्तरीय कमेटी के बारे में जानकारी लेकर ऑनलाइन अपडेट करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने डाटा अपडेशन में आने वाली संभावित तकनीकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली तथा उसके समाधान के निर्देश दिए।

उन्होंने समस्त कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारियों को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिस स्थान पर कार्यक्रम होगा, वहा मुनादी करवाते हुए व्यापक प्रचार प्रसार करने तथा आमजन को कैंप तथा उसमे दी जाने वाली योजनाओं की जानकारी के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए जागरूक करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मेरी कहानी मेरी जुबानी के तहत बनाई जाने वाली वीडियो में लाभार्थियों की सही जानकारी एवं संपर्क नंबर अपडेट करने, संकल्प पत्र में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने, समस्त व्यवस्थाओं को कार्यक्रम से पूर्व तैयारी करने, डे वाइज डाटा अपडेशन के लिए नियुक्त कर्मचारी को प्रशिक्षित करने, स्वागत एवम सांस्कृतिक कमेटी का गठन करने आदि के बारे में जानकारी ली तथा महत्वपूर्ण दिशा निर्देश प्रदान किए। उन्होंने तीन स्तर पर रिपोर्टिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही बताया कि जिलावार नियुक्त प्रभारी द्वारा भी निरीक्षण किया जाएगा। इस मौके पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद दुर्गा शंकर मीना सहित अन्य जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

अर्न्तसंभागीय सिविल सेवा खेलकूद प्रतियोगिता 2023-24
के आयोजन में कबड्डी (महिला) खेल में पुनः चयन ट्रायल

प्रतापगढ़, 14 दिसम्बर।10वीं राजस्थान राज्य अर्न्तसंभागीय सिविल सेवा खेलकूद प्रतियोगिता 2023-24 के लिए खिलाडी अधिकारी/कर्मचारी के कबड्डी (महिला) खेल में चयन ट्रायल 12 दिसम्बर 2023 के पश्चात केवल 2 खिलाडी उपस्थित होने से कबड्डी (महिला) खेल में टीम नहीं बन पाई। चयन ट्रायल में पुनः भाग लेने के लिए हेतु ई-मेल आईडी [email protected] पर दिनांक 15 दिसम्बर 2023 तक निर्धारित प्रारूप में सक्षम अधिकारी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

बांसवाड़ा के संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज कुमार पवन ने बताया कि कबड्डी (महिला) खेल के प्राप्त आवेदनानुसार दिनांक 17 दिसम्बर 2023 को प्रातः 10 बजे खेल स्टेडियम बाँसवाड़ा पर कबड्डी (महिला) खेल का चयन ट्रायल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व के दिशा निर्देशानुसार खिलाडी चयनित होंगे और चयन ट्रायल में भाग लेने हेतु किसी भी प्रकार का भत्ता देय नहीं होगा। आवेदन संबंधी अधिक जानकारी के लिये इस नम्बर 9799636006/8769739823 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।

कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न प्रतिषेध अधिनियम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

प्रतापगढ़, 14 दिसम्बर। भारत सरकार द्वारा International day for elimination fo violence against women के तहत महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण व समग्र विकास की दिशा में विभिन्न कानूनों व कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार एवं आमुखीकरण विभिन्न स्तरों पर किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत जिला कलक्टर के निर्देशानुसार महिला अधिकारिता विभाग द्वारा गुरुवार को कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न प्रतिषेध अधिनियम 2013 पर एक आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

महिला अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक नेहा माथुर ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य को देखते हुए कार्यशाला में कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम के अतिरिक्त महिलाओं से संबंधित अन्य कानून यथा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, राजस्थान डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2015, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, गर्भधारण पूर्व एंव प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994, स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम 1986 एवं भारतीय दंड संहिता के प्रमुख प्रावधानों तथा भारतीय संविधान में प्रदत्त महिला अधिकारों के बारे में भी उपस्थित महिलाओं को विस्तृत जानकारी दी गई।

कार्यशाला में इंदिरा महिला शक्ति केन्द्र की परार्मशदाता प्रियंका मालवीय द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष अधिनियम 2013 के बारे में बताया की इस कानून का उद्देश्य महिलाओं के लिए काम करने वाली जगहों का माहौल सुरक्षित बनाकर उन्हें रोजगार के समान अवसर उपलब्ध कराना है। यह कानून यौन उत्पीड़न की रोकथाम, उसके पूरी तरह से खात्मे और शिकायत के निपटारे पर जोर देता है। अधिनियम में कार्यस्थल की परिभाषा में सरकारी क्षेत्र, निजी क्षेत्र, अस्पताल या नर्सिंग होम, खेल की संस्थाएं, स्टेडियम, खेल या प्रतियोगिता स्थल, किसी का घर भी कार्यस्थल कहलाएगा, अगर वहां घरेलू श्रमिक काम करते हो, असंगठित क्षेत्र के कार्यस्थल आदि शामिल है। उन्होंने बताया की काम करने की जगह केवल चारदीवारी तक सिमटी नहीं है। अगर कर्मचारी किसी भी जगह पर काम के सिलसिले में या काम के दौरान जाते है तो वह भी कार्यस्थल के अर्न्तगत आएगा, जैसे कि- यातायात के साधन में काम के लिए सफर करना आदि शामिल है।

अधिनियम में उत्पीड़न के तहत गलत इरादा रखते हुए महिला की बार-बार तारीफ करना, अश्लील इशारे करना, अश्लील मैसेज भेजना या फिर अश्लील तस्वीरें या साहित्य दिखाना, महिला की मर्जी के बिना उसे छूने की कोशिश करना, महिला के न कहने के बावजूद उसके करीब जाने की कोशिश करना, गलत इरादे से किया गया महिला के साथ कोई भी व्यवहार जो उसे असहज महसूस कराए आदि शामिल है। अधिनियम के तहत दो तरह की समितियों का गठन होता है, जिला कलक्टर की अध्यक्षता में स्थानीय समिति एवं 10 से अधिक कार्मिक वाले कार्यालयों में आंतरिक समिति।
उत्पीड़न होने पर संगठन/संस्थान में आंतरिक शिकायत समिति है तो उसमें ही शिकायत करनी चाहिए। अगर संगठन ने आंतरिक शिकायत समिति नहीं गठित की है तो पीड़ित को स्थानीय शिकायत समिति में शिकायत दर्ज करानी होगी। पीड़ित महिला को घटना के 3 महीने के अंदर लिखित शिकायत करनी होती है या विशेष परिस्थितियों में 6 महीनें तक भी शिकायत की जा सकती है। यदि अपराध सिद्ध होता है तो आरोपी पर विभागीय कार्यवाही तथा अपराधिक मामला दर्ज कर कारावास व जुर्माना लगाया जा सकता है।

सुश्री मालवीय द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की भी जानकारी देते हुए बताया की अधिनियम के तहत दोषी को 12 साल तक की बच्ची से दुष्कर्म पर कम से कम 20 साल जेल या उम्रकैद और अधिकतम फांसी, 13 से 16 साल तक की बच्ची से दुश्कर्म पर कम से कम 20 साल जेल और अधिकतम उम्रकैद, महिला से दुष्कर्म पर कम से कम 10 साल जेल और अधिकतम उम्रकैद का प्रावधान है।

महिला सुरक्षा सलाह केन्द की परार्मशदाता निशा मीणा द्वारा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की जानकारी देते हुए हिंसा की व्याख्या, अधिनियम के विभिन्न आदेशों के सजा के प्रावधानों के बारे में बताया। परामर्शदाता राधा डिंडोर द्वारा राजस्थान डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2015 एवं बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की विभिन्न धाराओं एवं दंड प्रावधानों के बारे में, परामर्शदाता मधुबाला साहु द्वारा स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषोध अधिनियम 1986 के तहत स्त्री का अशिष्ट रूपण करने पर दंडात्मक परिणामों के बारे में, बताया गया।
आमुखीकरण कार्यशाला में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की आशा सहयोगी, समेकित बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं महिला अधिकारिता विभाग की साथिनों द्वारा भाग लिया गया। इस अवसर पर उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग संगीता कुमारी, पर्यवेक्षक सपना तेली, पर्यवेक्षक त्रिलोक राज सिंह सिसोदिया, वरिष्ठ सहायक अनिल मेहता व अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

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