लखनऊ के पीजीआई (PGI) में लोग बड़ी उम्मीदों से इलाज कराने जाते हैं, लेकिन एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हॉस्पिटल की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है. दरअसल, PGI में काम करने वाले कर्मचारी को उसी के अस्पताल में इलाज न मिलने का मामला सामने आया है. इतना ही नहीं, अस्पताल के कर्मचारी को इलाज न देकर 15 किलोमीटर दूर उपचार के लिए भेजा गया, इलाज में देरी होने पर उसकी मौत हो गई. इस पूरे मामले को लेकर अब अस्पताल प्रशासन ने जांच बैठा दी है. दोषियों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के पीजीआई में मिथिलेश कुमार गार्ड (टाइप 4) में तैनात थे. उनकी रात 11:00 से सुबह 7:00 बजे तक नाइट ड्यूटी लगती थी. बता दें, यहां पीजीआई के डायरेक्टर सहित अन्य डॉक्टर रहते हैं. घटना वाले दिन करीब सुबह 5 बजे सीने में दर्द होने पर वह दूसरे गार्ड के साथ पीजीआई की इमरजेंसी में पहुंचे. लेकिन गार्ड को वहां एडमिट नहीं किया गया. उन्हें बताया गया कि मरीज के पास कोविड की RT-PCR रिपोर्ट नहीं है. इसलिए उन्हें भर्ती नहीं किया जा सकता. इसके बाद गार्ड को इलाज के लिए 15 किलोमीटर दूर लोकबंधु हॉस्पिटल भेजा गया. लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद देर हो जाने की वजह से गार्ड की मौत हो गई. पोस्टमार्टम में मौत की वजह ठंड लगना बताई गई है.
इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है, जिसमें इलाज ना देकर दूसरे अस्पताल भेजा गया है. इसके चलते PGI के डायरेक्टर ने पूरे मामले पर जांच बैठा दी है. होमगार्ड के जिला कमांडेंट कपिल कुमार ने गार्ड की मौत पर दुख जताया. साथ ही मृतक के बेटे को नौकरी दिए जाने की बात भी कही. होम गार्ड इंचार्ज सचिन मिश्रा के मुताबिक जो गार्ड हमारे यहां तैनात था, देर रात उसके सीने में दर्द हुआ. इससे मौत हो गई. पोस्टमार्टम में मौत की वजह ठंड लगना आई है. अस्पताल ने RT-PCR रिपोर्ट ना होने पर लोक बंधु हॉस्पिटल भेजा, जहां गार्ड की मौत हो गई.