GSTR-1A Form: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटीआर-1ए फॉर्म को नोटिफाई किया
दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटीआर-1ए फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है। इससे करदाताओं को बाहरी सप्लाई या बिक्री रिटर्न फॉर्म में संशोधन का विकल्प मिलेगा।
बता दें कि जीएसटी परिषद ने पिछले माह करदाताओं को कर की अवधि के लिए जीएसटीआर-1 फॉर्म में विवरण संशोधित करने और/या अतिरिक्त विवरण घोषित करने की सुविधा देने के लिए जीएसटीआर-1ए फॉर्म के जरिये एक नई वैकल्पिक सुविधा प्रदान करने की सिफारिश की थी। हालांकि, इस कर अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी में रिटर्न दाखिल करने से पहले जीएसटीआर-1ए दाखिल करना होगा।
जीएसटी अनुपालन ढांचे में अहम वृद्धि : रजत मोहन
वित्त मंत्रालय ने कल (10 जुलाई) को जीएसटीआर-1ए फॉर्म अधिसूचित किया। कारोबारी सलाहकार कंपनी मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटीआर-1ए फॉर्म की वैकल्पिक सुविधा के साथ जीएसटी अनुपालन ढांचे में अहम वृद्धि की है। रजत मोहन ने कहा, समय पर सुधार की सुविधा प्रदान करके, फॉर्म जीएसटीआर-1ए सुनिश्चित करता है कि सही कर देयता फॉर्म जीएसटीआर-3बी में स्वत: भर जाए, जिससे त्रुटियां कम होंगी और एक सुव्यवस्थित अनुपालन प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।
जीएसटीआर-1 में सुधार की अनुमति स्वागत योग्य कदम: केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख एवं साझेदार अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटीआर-1 में सुधार की अनुमति देने के लिए प्रावधान करना एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा, इससे व्यवसायों के लिए जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी के बीच नियमित मिलान पर होने वाले अवांछित विवादों को रोकने में मदद मिलेगी।
5 करोड़ तक के कारोबार वाले करदाताओं के लिए: पांच करोड़ रुपए तक के वार्षिक कारोबार वाले करदाता तिमाही के अंत के 13वें दिन के भीतर जीएसटीआर-1 दाखिल कर सकते हैं, जबकि जीएसटीआर-3बी अगले महीने के 22वें तथा 24वें दिन के बीच दाखिल किया जाता है। गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल अपनी बैठकों में वस्तु एवं सेवा कर को लेकर समय-समय पर बदलाव करती है। इसमें ग्राहकों के साथ-साथ व्यापारियों के हितों को भी ध्यान में रखा जाता है।