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केंद्रीय जीएसटी विभाग ने फर्जी फर्मों के जरिए करीब 614 करोड़ रुपये का कागजों में कारोबार करने में लिप्त गाजियाबाद के एक कारोबारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर 99 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का आरोप है। विभाग ने उसके एक साथी को 20 अप्रैल 2021 में जीएसटी चोरी में गिरफ्तार किया था, तभी से विभाग की इस केस पर नजर थी।
केंद्रीय जीएसटी विभाग के आयुक्त आलोक कुमार ने शुक्रवार को बताया कि जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जीएसटी पोर्टल से ऑनलाइन कारोबारियों के नियमित रिटर्न एवं अन्य गतिविधियों पर प्रवर्तन शाखा की नजर है। उन्होंने बताया कि प्रथम शाखा के अधिकारियों ने फर्जी फर्मों से करोड़ों की जीएसटी चोरी में लिप्त कारोबारी रूपक वशिष्ठ को गिरफ्तार किया।
प्रवर्तन शाखा ने कारोबारी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। कारोबारियों द्वारा नाते रिश्तेदारों एवं परिचितों के पैन कार्ड, आधार कार्ड एवं अन्य आईडी प्रूफ से फर्जी फर्म बनाने का आरोप है। आयुक्त ने बताया कि कारोबारी की गिरफ्तारी के बाद प्रारंभिक जांच में कारोबारी द्वारा कई फर्जी फर्म से कारोबार कर 614 करोड़ के कारोबार करने का मामला सामने आया है। उक्त धनराशि पर करीब 99 करोड़ की जीएसटी चोरी कर विभाग को नुकसान पहुंचाया गया।
कारोबारी द्वारा गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, एनसीआर के कई जिलों में फर्जी फर्मों के बिलों से कारोबार करना दिखाया गया। कारोबारी द्वारा 614 करोड़ के कागजी कारोबार पर विभाग से इनपुट क्रेडिट का लाभ लेने की कोशिश की गई थी। आयुक्त ने बताया कि कारोबारी रूपक वशिष्ठ को गुरुवार को गिरफ्तार कर मेरठ की विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने कारोबारी रूपक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए।
छापेमारी में विभाग को कारोबारी के ठिकानों से काफी संख्या में बिल बुक, खरीद बिक्री रजिस्टर और मुहरें व अन्य दस्तावेज सीज कर लिया गया। विभाग जीएसटी चोरी के मामले में गहनता से जांच करेगा।
jantaserishta.com
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