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जीएसटी फर्जीवाड़ा: अरबपति कारोबारियों की बढ़ी टेंशन, सकते में आए
jantaserishta.com
17 April 2024 2:45 AM GMT
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कारोबारियों के पास एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, जिसकी पहचान की जा रही है।
नोएडा: नोएडा की एक अदालत ने जीएसटी फर्जीवाड़े में तीन अरबपति कारोबारियों को भगोड़ा घोषित करने के बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं। पुलिस मुनादी कराने के बाद आरोपियों के घरों पर नोटिस चस्पा करेगी। इसके बाद कुर्की की कार्रवाई शुरू होगी। कारोबारियों के पास एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, जिसकी पहचान की जा रही है।
डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते दिनों सेक्टर-20 पुलिस ने दिल्ली के कारोबारी तुषार गुप्ता को गिरफ्तार किया था। उसके बाद पता चला कि दिल्ली के पंजाबी बाग के संजय ढींगरा, कनिका ढींगरा और मयंक ढींगरा ने कई करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। तीनों ने फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है। अब इन आरोपियों के खिलाफ अदालत ने 82 की कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। जल्द ही इनकी संपत्ति को कुर्क किया जाएगा।
जीएसटी फर्जीवाड़े में नोएडा पुलिस की ओर से अबतक 33 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। कई अन्य आरोपी अब भी पुलिस के रडार पर हैं। इसमें कई कारोबारियों के नाम भी शामिल हैं। संजय, कनिका और मयंक ने कारोबार की आड़ में कई फर्जी कंपनियां बनाईं और अवैध तरीके से आईटीसी लिया। इस गिरोह ने कागजों पर तीन हजार से अधिक फर्जी कंपनी और फर्म बनाने के बाद हजारों करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार को नुकसान पहुंचाया।
पुलिस ने बीते साल जून में 2600 से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर भारत सरकार के राजस्व को अरबों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। इस मामले में गौरव सिंघल, गुरमीत सिंह, राजीव, राहुल, विनीता, अश्वनी, अतुल सेंगर, दीपक मुरजानी, यासीन, विशाल, राजीव, जतिन, नंदकिशोर, अमित कुमार, महेश, प्रीतम शर्मा, राकेश कुमार, अजय कुमार, दिलीप कुमार, मनन सिंघल, पीयूष, अतुल गुप्ता, सुमित गर्ग, कुणाल समेत 33 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। खास बात यह है अब तक किसी भी आरोपी को भी जमानत नहीं मिली है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में करीब 15 आरोपियों की गिरफ्तारी अभी शेष है। कई पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित है। पुलिस की ओर से उनके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हो चुका है। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें दिल्ली, यूपी और राजस्थान में दबिश दे रही हैं।
जानकारी के अनुसार, जिस संजय को नोएडा पुलिस भगोड़ा घोषित करने के बाद उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की तैयारी कर रही है, उसने वर्ष 2015 में दूध से बने उत्पाद बनाने वाली कंपनी खोली थी। संजय ने कंपनी का ब्रांड एंबेसडर एक नामी फिल्म अभिनेता को बनाया था। हालांकि, बाद में उसने कंपनी का नाम बदल दिया था। पुलिस तीनों आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता कर रही है। तीनों आरोपियों द्वारा बनाई गई कंपनी के बारे में पुलिस की टीमें जानकारी जुटा रही हैं।
लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डेटा हासिल करने के बाद आरोपी फर्जी कंपनी और फर्म खोलते थे। इस कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व महज कागजों पर होता था। धरातल पर कोई भी कंपनी नहीं होती थी। इसके बाद आरोपी जीएसटी नंबर लेकर फर्जी बिल बनाकर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाते थे।
पुलिस की जांच में यह पता चला है कि जालसाज फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ ऑन डिमांड बेच भी देते थे। इन कंपनियों के नाम पर रुपये जमा कर काले धन को सफेद करने का भी काम भी व्यापक स्तर पर होता था। इस फर्जीवाड़े में शामिल कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है।
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