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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उद्यान से जुड़ी 4 कंपनियों पर लगाया 17 लाख का जुर्माना

jantaserishta.com
6 May 2023 4:14 AM GMT
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उद्यान से जुड़ी 4 कंपनियों पर लगाया 17 लाख का जुर्माना
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ग्रेटर नोएडा (आईएएनएस)| ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उद्यान विभाग ने चार फर्मों पर 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। रिहायशी इलाकों में उद्यान कार्यों में लापरवाही मिलने पर यह कार्रवाई की गई है। जुमार्ने के इस रकम की वसूली इन फर्मों के मासिक बिलों के भुगतान में से कटौती कर की जाएगी। सात दिन में काम की गुणवत्ता में सुधार न मिलने पर इन फर्मों को काली सूची में भी डालने की चेतावनी दी गई है। ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित जी-20 सम्मेलन को देखते हुए शहर को साफ सुथरा, हरा-भरा व सुंदर बनाने के लिए सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा है। आवासीय सेक्टरों के पार्क, ग्रीन बेल्ट सहित सभी प्रमुख मार्गों की रोड साइड ग्रीनरी आदि को दुरुस्त कराया जा रहा है। सीईओ के निर्देश पर उद्यान विभाग की टीम सेक्टरों में जाकर निरीक्षण कर रही है। रोड साइड ग्रीनरी का भी जायजा ले रही है। खामी मिलने पर लापरवाही करने वाली फर्मों पर जुमार्ना भी लगा रही है।
उद्यान विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक कपिल सिंह के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम ने हाल ही में सेक्टर रो-1 और रो- 2 का निरीक्षण किया। इस दौरान ग्रीनरी का रखरखाव कार्य ठीक से न होने पर कर्मस्टार इंटरप्राइजेज पर 10 लाख का जुमार्ना लगाया गया है। टीम ने सेक्टर गामा-1 व 2 का भी निरीक्षण किया। इस दौरान सेक्टरों के पार्क, ग्रीन बेल्ट और पाथवे आदि दुरुस्त नहीं मिले। इस मामले में राजा कंस्ट्रक्शन पर पांच लाख रुपए का जुमार्ना लगाया गया है।
सेक्टर अल्फा-1 और 2 के निरीक्षण के दौरान भी यही सब खामियां मिली जिसके चलते प्राधिकरण की टीम ने मिलेनियम एग्रीटेक पर एक लाख रुपए का जुमार्ना लगाया है। सेक्टर बीटा-1 व 2 में पार्क, ग्रीन बेल्ट, पाथवे आदि खराब हालत में मिलने पर बाबा कंस्ट्रक्शन फर्म पर एक लाख रुपए का जुमार्ना लगाया गया।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन ने बताया कि इन फर्मों पर लगी पेनाल्टी की वसूली आगामी मासिक बिलों के भुगतान में से कटौती करके की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि ग्रेटर नोएडा की हरियाली के रखरखाव में लापरवाही बरतने वाली फर्मों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। ग्रीनरी को दुरुस्त करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद भी लापरवाही मिलने पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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