पोते ने किया दादा का सपना पूरा, UPSC की परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल कर IAS बने सत्यम गांधी
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा मुश्किल परीक्षा में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए दिन-रात एक करने पड़ते हैं। कुछ ही खुशनसीब ऐसे होते हैं, जो यूपीएससी की परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास कर लेते हैं। उन्हीं खुशनसीब में एक हैं सत्यम गांधी, जिन्होंने इस परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल की है। बिहार के समस्तीपुर जिले के मूल निवासी, सत्यम गांधी ने अपनी स्कूली शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के दयाल सिंह कॉलेज से BA (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान किया।
जब वह कॉलेज के तीसरे साल में थे, उसी दौरान उन्होंने फैसला कर लिया था कि वह यूपीएससी की तैयारी करेंगे। जिसके बाद उन्होंने तैयारी शुरू कर दी। आइए जानते हैं सत्यम ने तैयारी करने का कौनसा तरीका अपनाया, जिसके कारण वह पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्लियर कर IAS बन गए।
सेल्फ स्टडी का लिया सहारा
जहां एक ओर ज्यादातर यूपीएससी के उम्मीदवार कोचिंग इंस्टीटयूट पर निर्भर रहते हैं, वहीं सत्यम ने सेल्फ स्टडी करने का फैसला किया। ग्रेजुएशन के लास्ट ईयर में वह दिल्ली के राजेंद्र नगर (जिसे यूपीएससी की तैयारी का हब कहा जाता है) शिफ्ट हो गए थे। एक न्यूज वेबसाइट को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने बताया, "मैं राजेंद्र नगर में रहता था ताकि यूपीएससी से जुड़ा हर स्टडी मटेरियल आसानी से मिल सके। मॉक टेस्ट से लेकर तैयारी की किताबें और करंट अफेयर्स, सब कुछ यहां बुकस्टोर्स में आसानी से उपलब्ध है। ऐसे में स्टडी मटेरियल को इकट्ठा करने के लिए समय की बचत होती है" उन्होंने आगे बताया, "मेरे दादाजी का सपना था कि परिवार में एक कलेक्टर (जिला मजिस्ट्रेट) हो, जिसने मुझे परीक्षा में बैठने के लिए प्रेरित किया। इसलिए, मैंने राजनीति विज्ञान को ग्रेजुएशन विषय के रूप में और यूपीएससी परीक्षा में ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना "
अपनी तैयारी की रणनीति के बारे में बात करते हुए, सत्यम ने बताया कि उन्होंने मुख्य रूप से प्रारंभिक परीक्षा (Prelims Exam) को पास करने पर ध्यान दिया। क्योंकि 'परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का प्रकार बहुत अलग होता है और कैसे भी अगले पड़ाव पर जाने के लिए प्रारंभिक परीक्षा का पास करना जरूरी है। उन्होंने बताया, "मैंने 2019 में परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी और पूरी तरह से उसी पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। मैंने मुख्य रूप से प्रारंभिक परीक्षा पर फोकस रखा किया "
सत्यम जनरल स्टडी (GS) की पढ़ाई के लिए दिन में 12 से 13 घंटे पढ़ा करते थे। उन्होंने कहा, "मैंने किताबों की अच्छी तरह से पढ़ा और तैयारी के लिए नोट्स बनाए। प्रीलिम्स के लिए, मैंने लगभग 120 मॉक टेस्ट दिए क्योंकि मैं पहले चरण की रेस में हारना नहीं चाहता था। मॉक टेस्ट लेने से मुझे पता चला कि मैं किस सेक्शन में कमजोर हूं। मैं मॉक टेस्ट और इंटरव्यू मार्गदर्शन के लिए ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म Unacademy से भी जुड़ा रहा "
सत्यम गांधी प्रारंभिक तैयारी के लिए अर्थशास्त्र, राजनीति और इतिहास के महत्व पर जोर देते हैं। उनके अनुसार, उम्मीदवारों को इन विषयों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, वह यह भी सुझाव देते हैं कि उम्मीदवार अपने प्रदर्शन को ट्रैक करने और रणनीति में संशोधन करने के लिए नियमित मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज लेना चाहिए। उन्होंने बताया, जब प्रारंभिक परीक्षा का लास्ट हफ्ता बचा हो, उस दौरान खुद के बनाए गए नोट्स और करंट अफेयर्स पढ़े। उन्होंने मॉक पेपर को रिवाइज्ड करने पर भी फोकस किया। उन्होंने कहा, "परीक्षा के दिन, उम्मीदवारों को ओवर-परफॉर्म करने का लक्ष्य नहीं रखना चाहिए बल्कि मॉक टेस्ट की तरह परीक्षा देनी चाहिए। परिणाम के बारे में सोचने से ज्यादा उन्हें प्रश्नों को समझने और हल करने पर ध्यान देना चाहिए।