सड़क पर वाहन चलाने के नाम पर सरकारें तीन तरह के टैक्स ले रही हैं। हाईवे पर टोल टैक्स, वाहन खरीद पर रोड टैक्स और पेट्रोल-डीजल पर सेस वसूला जा रहा है। तीनों ही टैक्स सड़क विकास के नाम पर लिए जा रहे हैं, जिसने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। इसके बावजूद वाहन चालकों क हाईवे पर असुरक्षित सफर करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। टोल टैक्स से हर दिन करीब 50 करोड़ रुपए, रोड टैक्स के नाम पर सालाना करीब 2500 करोड़ और पेट्रोल-डीजल पर सेस के जरिए मोटी रकम वसूली जा रही है। इसके बावजूद हर साल हाईवे पर सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 4 से 5 फीसदी की दर से बढ़ा है। शहरी सीमा में भी सड़कों की बदहाली किसी सी छिपी नहीं है।
6 से 13 प्रतिशत रोड टैक्स लिया जा रहा है। यह टैक्स वाहन कीमत के आधार पर है जो नॉन कॉमर्शियल वाहनों के लिए एकमुश्त है। कॉमर्शियल व अन्य वाहनों से सालाना ले रहे हैं। पेट्रोल-डीजल पर भी रोड सेस ले रहे हैं। पेट्रोल पर 1.50 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 1.75 रुपए प्रति लीटर है। हाईवे पर औसतन सौ किलोमीटर की दूरी नापने पर चौपहिया वाहन चालक को 30 रुपए से 125 रुपए टैक्स देना पड़ रहा है। बस व ट्रक के लिए 150 से 500 रुपए तक है। टोल टैक्स सड़कों की लम्बाई के अनुसार और एनएचएआइ के टोल दरों के अनुसार अलग-अलग है।