नयी दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि देश के समक्ष सीमाओं की सुरक्षा, बेरोजगारी, संवैधानिक संस्थाओं पर हमले और महंगाई जैसे कई ज्वलंत मुद्दे हैं जिन पर सरकार से सवाल पूछे जाते हैं लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आता है और यह देश के लिए सबसे चिंता का विषय है। गांधी ने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित बैठक में कहा कि जो गंभीर मामले देश के समक्ष चुनौतियां बनकर खड़े हैं ,सरकार उनकी अनदेखी कर रही है और इस बारे में अगर कोई सवाल पूछा जाता है तो उसका जवाब नहीं दिया जाता है और ना ही इन मुद्दों पर संसद में बहस कराई जाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार की चुप्पी खतरनाक है और वह घृणा तथा नफरत फैलाकर विभाजन की नीति अपना रही है। उसकी यह कोशिश देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरनाक है। उनका कहना था कि सरकार को देश में विभाजन कारी नीतियों को चलाने की बजाय सबको एक साथ लेकर देश को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा," चीन हमारी सीमा पर लगातार घुसपैठ कर रहा है और हमारे वीर सैनिक उज़की हर कोशिश का करारा जवाब दे रहे हैं। पूरा देश अपने सैनिकों के साथ खड़ा है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सरकार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने से भाग रही है।"
उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक हालात भी बहुत खराब हो गए हैं। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और लोगों के घर का बजट गड़बड़ा रहा है। सरकार नौकरियां देने में असमर्थ हो रही है जिससे युवकों के समक्ष रोजगार का बड़ा संकट पैदा हो गया है लेकिन सरकार किसी भी सवाल का जवाब देने और इन मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने को तैयार नहीं है।
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