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वर्किंग वुमन के लिए सरकार का नया प्लान, रेंटल मोड में खोलेंगे 50 नए हास्टल
Deepa Sahu
2 July 2022 10:48 AM GMT
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नई दिल्ली, प्रेट्र। Working Women Hostels: पढ़ाई, जाब, जाब ट्रेनिंग या फिर किसी रिसर्च के लिए आम तौर पर अपने घर और परिवार से अकेली लड़कियों व महिलाओं को दूसरे शहर में जाना पड़ता है। इन अकेली लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए सरकार की ओर से 50 नए हास्टलों का संचालन किए जाने की बात कही गई है। इन हास्टलों का नया नाम सखी निवास होगा और यहां वर्किंग मां के बच्चों को भी अनुमति दी जाएगी। हालांकि इन बच्चों के लिए उम्र सीमा निर्धारित की जा चुकी है।
रेंटल मोड में खोले जाएंगे 50 नए 'सखी निवास'
सरकार अब कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए विचार कर रही है। इस क्रम में रेंटल मोड वाले 50 नए हास्टलों को खोलने की योजना बनाई जा रही है। वर्किंग वुमन हास्टलों की मौजूदा स्कीम का नया नाम 'सखी निवास' होगा। मामले से संबंधित अधिकारी ने बताया, 'दूर-दराज में अपने घरों से बाहर नौकरी या पढ़ाई के लिए आने वाली अकेली लड़कियों और महिलाओं के लिए यह सुविधा मुहैया कराई गई है।' उन्होंने कहा, 'करीब 50 हास्टलों का संचालन रेंटल मोड के आधार पर किया जाएगाा। 18 साल तक की लड़कियों और 12 साल तक के लड़कों को अपनी वर्किंग मां के साथ इन हास्टलों में रहने की अनुमति होगी।
पिछले साल देश में 972 हास्टलों का हुआ था आवंटन
पिछले साल देश में 972 हास्टलों का आवंटन किया गया था जिसमें से 497 का संचालन हो रहा है। वर्किंग वुमन हास्टल स्कीम को केंद्र द्वारा स्पांसर किया जाता है। इसके तहत राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को ऐसे हास्टलों के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। केंद्र सरकार लागत का 60 फीसद खर्च उठाती है, राज्या या केंद्र शासित प्रदेश 15 फीसद और बाकी का 25 फीसद एजेंसी का खर्च होता है। उल्लेखनीय है कि सरकार की इस योजना के तहत केंद्र सरकार वर्किंग वुमन को गांव, कस्बा, शहर और बड़े शहरों में रहने के लिए हास्टल की सुविधा उपलब्ध कराती है। महिलाएं बिना किसी परेशानी के दूसरे शहर में भी जाकर नौकरी कर सकें। इसके लिए भवनों का भी निर्माण किया जा रहा है।
Deepa Sahu
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