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भोपाल (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। यही कारण है कि सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी की सरकार हर व्यक्ति का दिल जीतने की कोशिश कर रही है। इसके लिए सरकारी योजनाएं ही नहीं विभिन्न समाजों के कल्याण के लिए कल्याण बोर्ड तक बना रही है। राज्य में विधानसभा चुनाव सत्ताधारी दल और विपक्षी दल कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मतदाताओं की संतुष्टि और नाराजगी नतीजों को प्रभावित करेगा इसे वे बेहतर तरीके से जानते हैं। एक तरफ सत्ताधारी दल भाजपा जहां महिला, किसान युवा से लेकर तमाम समाजों को खुश करने में लगी है तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस भी सत्ता में आने पर जनता को राहत देने के वादे कर रही है।
बीते कुछ दिनों की स्थिति पर गौर करें तो एक बात साफ हो जाती है कि जहां महिलाओं को खुश करने के लिए सत्ताधारी दल ने लाडली बहना योजना लाई है तो वहीं युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान आठ हजार रुपये महीने देने का वादा किया गया है। इसके अलावा किसानों के लिए ब्याज माफी योजना लाई गई और अब जाट समाज को खुश करने के लिए वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड के गठन का ऐलान किया गया है तो वहीं कुशवाहा समाज को धर्मशाला के अलावा कल्याण बोर्ड गठन की सौगात मिली है।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि राज्य में किसी भी दल के पक्ष में माहौल नहीं है, लिहाजा दोनों ही दलों की कोशिश यह है कि मतदाता उनके करीब आएं। इसीलिए सत्ता में होने के कारण भाजपा सौगातें दे रही है तो वहीं कांग्रेस की ओर से वादे किए जा रहे हैं। अभी चुनाव दूर है, लिहाजा आने वाले दिनों में यह सिलसिला और आगे बढ़ेगा।
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