उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक ओर जहां बाहुबली मुख़्तार अंसारी को वापस यूपी की जेल ला रही है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के बाहुबली नेता अजय राय की सुरक्षा में लगे सरकारी गनर को हटाने के साथ उनके शस्त्र लाइसेंस को भी निरस्त कर दिया गया है. इस कार्रवाई से भड़की कांग्रेस ने योगी सरकार पर न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट गवाह संरक्षण योजना-2018 के उल्लंघन का आरोप लगाया है. साथ ही बदले की भावना से विपक्षी दलों के नेताओं पर कार्रवाई का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को एक पत्र भी लिखा है. जिसमें कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय की सुरक्षा हटाने पर चिंता जताते हुए उन्हें पुनः सुरक्षा देकर उनके शस्त्र लाइसेंस को भी अविलंब जारी करने की मांग की गई है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पांच बार विधानसभा के सदस्य रहे अजय राय की व्यक्तिगत सुरक्षा और निजी शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करना योगी सरकार की कांग्रेस पार्टी के नेताओं प्रति विद्वेषपूर्ण वैमनस्यता और बदले की कार्यवाही से प्रेरित है. हमने प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस नेता अजय राय की सुरक्षा को लेकर चिन्ता व्यक्त करते हुए उनकी सुरक्षा व्यवस्था हटाने एवं शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने पर गंभीर सवाल उठाये हैं.
साथ ही हमने अविलम्ब सुरक्षा व्यवस्था बहाल किये जाने के साथ उनके शस्त्र लाइसेंस को भी पुनः जारी किये जाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि अजय राय विगत दो लोकसभा चुनावों में वाराणसी संसदीय क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सोशल मीडिया व आन्दोलनों के माध्यम से सरकार को घेरते रहते हैं. यही कारण है कि सरकार द्वारा राजनीतिक विद्वेष के तहत अजय राय पर बदले की भावना से कार्यवाही की गयी है.
अजय लल्लू ने कहा कि लोकतंत्र में ये कतई उचित नहीं है. सरकार कांग्रेस की आवाज को येन-केन-प्रकारेण दबाना चाहती है. जनप्रतिनिधि रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय की सुरक्षा एवं व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना इसका जीता-जागता उदाहरण है.