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शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील सरकार

admin
29 Nov 2023 10:56 AM GMT
शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील सरकार
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चंडीगढ़। तमाम विपक्ष का मुंह बंद करते हुए हरियाणा की मनोहर सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर प्रदेश में जो प्रबंध किए हैं उसकी लोगों में तरीफ हो रही है। किसी भी प्रदेश की सबसे बड़ी बुनियादी जरूरतें शिक्षा और स्वास्थ्य ही होती हैं, जिन पर सबसे अधिक पैसा जनता का खर्च होता है। हरियाणा में मनोहर सरकार के सत्तासीन होने के बाद इन्हीं पर अधिकांश फोकस किया गया है।
हरियाणा सरकार ने जहां हर जिले में स्कूल-कॉलेज खोलने पर विशेष ध्यान दिया है। वहीं विश्वविद्यालयों का वित्त प्रबंधन और अधिक पोषित किया है। जिससे शिक्षा की तरफ लोगों का विशेष ध्यानाकार्षण हुआ है और लोग सरकार की शिक्षा नीति की तारीफ कर रहे हैं। इसी तरह से राज्य सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए आयुष्मान और चिरायु जैसी योजनाएं देकर लोगों की बड़ी चिंता दूर की है। शिक्षा व्यवस्था को लेकर प्रदेश के विपक्षी दलों के नेता सरकार के कामकाज पर उंगली उठा रहे थे। हाल ही में प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने एक झटके में ही 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का ऐलान करके विपक्ष का मुंह बंद कर दिया है। मनोहर सरकार के इस फैसले से शिक्षा जगत में क्रांति की शुरूआत हुई है।

इसके बाद प्रदेश में सरकारी स्कूलों से शिक्षकों की कमी तो पूरी होगी ही, इसके साथ ही शिक्षा का स्तर भी सुधरेगा। मुख्यमंत्री की हर जिले में मेडीकल कॉलेज खोलने की योजना भी मूर्त रूप ले रही है। जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं थे, वहां या तो घोषणाएं हो चुकी हैं या फिर उन पर काम भी शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा एक हरियाणवी एक की नीति पर चलते हुए बिना किसी क्षेत्रवाद के काम कर रहे हैं और उनकी हर नीति से पूरा सूबा प्रभावित और लाभान्वित होता है। अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति समर्पण के तहत ही मुख्यमंत्री ने कैंसर की तीसरी और चौथी स्टेज वाले मरीजों को पेंशन देने की योजना लांच करके लाखों लोगों को फायदा पहुंचाने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। मजे की बात यह है कि कैंसर के पीडि़त लोग पहले से पेंशनभोगी हैं, उन्हें भी इसका पूरा लाभ दिया जाएगा। अभी हरियाणा में चुनाव दूर हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने जिस तरह से घोषणाओं का अंबार लगाया है और पुरानी घोषणाएं जल्द पूरी करने की दिशा में काम किया है। उसका लाभ सरकार को मिलना अवश्यंभावी है। स्कूलों में न केवल 20 हजार शिक्षकों की व्यवस्था का ऐलान किया गया है। वहीं 4 हजार प्ले स्कूल खोलने की भी घोषणा हुई है। इससे वंचित वर्गों के बच्चों को भी निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं प्ले स्कूलों में दी जाएंगी।

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