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PSU को बेच रही सरकार, आपातकाल में वही ऑक्सीजन का उत्पादन करने में आ रहा काम

Deepa Sahu
28 April 2021 10:39 AM GMT
PSU को बेच रही सरकार, आपातकाल में वही ऑक्सीजन का उत्पादन करने में आ रहा काम
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पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है। आरोप हैं कि ऑक्सीजन की कमी के चलते देश की राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित अनेक राज्यों में अब तक सैकड़ों मरीजों की जान जा चुकी है। ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए उत्पादन लगातार बढ़ाया जा रहा है और इसमें स्टील प्लांट्स और पेट्रोल कंपनियों को भी लगा दिया गया है। इनमें वे स्टील प्लांट्स कंपनियां भी शामिल हैं जिन्हें सरकार ने इसी समय बेचने का फरमान भी जारी कर रखा है। इनमें विशाखापत्तनम स्टील प्लांट सहित कई अन्य प्लांट्स भी शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार विशाखापत्तनम स्टील प्लांट में इस समय कर्मचारियों को ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे ऑक्सीजन उत्पादन को पंख लगाया जा सके। भिलाई, दुर्गापुर और पेट्रोलियम सेक्टर की अनेक कंपनियों को उनका मूल काम छोड़ दिन-रात ऑक्सीजन उत्पादन में लगा दिया गया है। बोकारो स्टील प्लांट में 25 ऑफिसर और लगभग डेढ़ सौ कर्मचारी अपनी साप्ताहिक छुट्टियां तक रद्द कर देश को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में जुटे हैं।
अनुमान है कि देश में वर्तमान में उपलब्ध कराए जा रहे कुल ऑक्सीजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उन्हीं पीएसयू (Public Sector Undertaking Company) कंपनियों में उत्पादित किया जा रहा है, जिन्हें ठीक इसी समय सरकार ने बेचने का निर्णय ले रखा है। अब कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को इन पीएसयू कंपनियों की आपातकालीन उपयोगिता को देखते हुए इन्हें बेचने का निर्णय रद्द कर देना चाहिए।
निजीकरण को रोकने की मांग
वाम श्रमिक संगठन एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने अमर उजाला को बताया कि देश के इस 'आपातकाल' में पब्लिक सेक्टर कंपनियों की उपयोगिता सिद्ध हो गई है। सरकार को यह समझ आना चाहिए कि देश का सारा तंत्र केवल लाभ कमाने के लिए नहीं लगाया जा सकता। ये सेवा का क्षेत्र है जिसे लाभ-हानि से अलग करके देखा जाना चाहिए।
बुधवार 28 अप्रैल को सभी श्रमिक संगठन एक बैठक कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखेंगे। इस पत्र में प्रधानमंत्री से इन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की उपयोगिता को बताते हुए इन्हें निजी क्षेत्र को बेचने से रोकने की अपील की जायेगी। इसके आलावा सभी श्रमिकों को जल्द से जल्द मुफ्त वैक्सीन लगाने की अपील भी की जायेगी ताकि वे राष्ट्रहित में अपना उत्पादन लगातार जारी रख सकें। श्रमिक संगठन श्रमिकों को इसी दौरान मुफ्त राशन और आर्थिक सहायता देने की मांग भी करेंगे।
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