सरकारी अफसर का बड़ा बयान, 15 साल से कम वालों को वैक्सीन लगाने की कोई योजना नहीं
भारत में 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के बच्चों को कोरोना वायरस से सुरक्षा देने के लिए वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी. लोगों को उम्मीद है कि अब जल्द ही 15 साल से कम के बच्चों को भी वैक्सीन दी जा सकती है. लेकिन अभी भारत की 15 से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण (Vaccination) करने की कोई योजना नहीं है. एक सरकारी अधिकारी ने जोखिमों का हवाला देते हुए बताया कि प्रशासन ने 15-18 साल के बच्चों के टीकाकरण को मंजूरी देने से पहले इसपर भी विचार किया था. दुनिया के कई देश बच्चों को वैक्सीन लगा रहे हैं. कहीं 5 साल तो कहीं 2 साल तक के बच्चों का कोविड टीकाकरण हो रहा है.
कोरोना वायरस का खतरा बच्चों को भी बना रहता है और ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omcron Variant) के आने के बाद से अभिभावकों की चिंता और बढ़ गई है. बच्चे वायरस के संवाहक बन सकते हैं. इस बीच नाम ना बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, 'हमारा फैसला पूरी तरह वैज्ञानिक आंकड़ों पर आधारित है, जो दर्शाता है कि दुनिया में कहीं भी बच्चे वायरस से काफी हद तक प्रभावित नहीं होते हैं. शुरुआत में हमारा विचार था कि टीकाकरण की अनुमति केवल वयस्कों के लिए दी जानी चाहिए, लेकिन फिर यह महसूस किया कि ये युवा वयस्क (15-18 आयु वर्ग में) स्कूल या कॉलेज जा रहे हैं, या घूम रहे हैं, और इसलिए वायरस के वाहक हो सकते हैं.'
यह पूछे जाने पर कि भारत की नीति अमेरिका और ब्रिटेन (UK US Children Vaccination) से अलग क्यों है, क्योंकि ये दोनों ही देश 5 साल या इससे अधिक आयु के बच्चों का टीकाकरण कर रहे हैं? इस सवाल के जवाब में अधिकारी ने कहा कि भारत का फैसला भी जुलाई में किए गए सीरोलॉजिकल सर्वे पर आधारित था. जिसमें यह पता चला कि 67.6 फीसदी आबादी में जोखिम था, जिसमें बच्चों की भी ज्यादा संख्या थी. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के प्रमुख बलराम भार्गव ने कहा कि सर्वेक्षण में छह से 17 साल के बीच के बच्चे शामिल थे और यह पाया गया कि छह साल से अधिक उम्र की आबादी का दो-तिहाई हिस्सा पहले से ही संक्रमित हो चुका था.
इसपर अधिकारी ने कहा, 'हम छोटे बच्चों को बेवजह क्यों वैक्सीन लगवाएं. सभी को वैक्सीन लगाने की एक कथित दौड़ मार्केटिंग की चाल हो सकती है. देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ समय से स्कूल और कॉलेज भी खुले हैं और हमें वहां संक्रमण में कोई बढ़त नहीं दिख रहा है. ना ही हम बच्चों को गंभीर रूप से बीमार होते देख रहे हैं.' केंद्र और राज्य सरकारें फिलहाल कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव के लिए सख्त उपाय लागू कर रहे हैं. अधिकारी ने आगे कहा, 'भारत में ओमिक्रॉन के जिन 500 मामलों का पता चला है, उनमें से आधे ठीक हैं और घर जा चुके हैं. गंभीर बीमारी को भूल जाइए, सिर्फ 13 फीसदी ही लक्षण दिखे हैं.'