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सरकारी अधिकारी ने कहा- नहीं आ सकता ऑफिस, खुद को बताया विष्णु का अवतार, देखें वीडियो

jantaserishta.com
20 May 2021 6:18 AM GMT
सरकारी अधिकारी ने कहा- नहीं आ सकता ऑफिस, खुद को बताया विष्णु का अवतार, देखें वीडियो
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एक अधिकारी ने अजीबो-गरीब बयान दिया है....

गुजरात सरकार के एक अधिकारी ने अजीबो-गरीब बयान दिया है। इस अधिकारी ने दावा किया है कि वो भगवान विष्णु (Vishnu) के दसवें अवतार कल्कि हैं और वो ऑफिस नहीं आ सकते क्योंकि वह ''विश्व का अंत: करण (change the global conscience) '' बदलने के लिए ''तपस्या (penance)'' कर रहे हैं।

सरदार सरोवर पुनर्वास एजेंसी (Sardar Sarovar Punarvasvat Agency -SSPA) के इंजीनियर रमेश चंद्र फेफर (Rameshchandra Fefar) ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि उनकी तपस्या को धन्यवाद कि देश में अच्छी बारिश हो रही है। फेफर को जारी किया गया नोटिस और उनका अजीबो गरीब जवाब वायरल हो गया है।
फेपर ने अपने राजकोट स्थित घर पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि - आप विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन मैं भगवान विष्णु का दसवां अवतार हूं और आने वाले दिनों में मैं इसे साबित कर दूंगा। मैं मार्च 2010 में ऑफिस में था तो मुझे महसूस हुआ कि मैं कल्कि अवतार हूं। तब से मेरे पास दिव्य शक्तियां हैं।
तीन दिन पहले ऐजेंसी की ओर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था । 50 साल पूरे कर चुके फेफर ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि वो ऑफिस नहीं आ सकते हैं, क्योंकि तपस्या में लीन (busy) हूं। फेफर ने आगे कहा कि वैश्विक अंत:करण के बदलाव के लिए अपने घर में तपस्या कर रहा हूं। मैं आफिस में बैठ कर इस तरह की तपस्या नहीं कर सकता हूं।
फेफर ने दावा कि कि उनकी तपस्या की वजह से ही भारत में पिछले पिछले 19 साल से अच्छी बारिश हो रही है। फेफर ने कहा कि अब यह एजेंसी को तय करना चाहिए कि मुझे ऑफिस में बैठाकर टाइम पास कराना ज्यादा महत्वपूर्ण है या फिर देश को सूखे से बचाने के लिए कुछ ठोस काम करना है। उन्होंने आगे कहा कि मैं कल्कि अवतार हूं इस लिए भारत में अच्छी बारिश हो रही है।
नोटिस के मुताबिक, फेफर पिछले आठ महीने में वडोदरा स्थित अपने आफिस में सिर्फ 16 दिन गए। नोटिस में कहा गया है कि गजटेड ऑफिसर का इस तरह से अनधिकृत (unauthorised) रूप से अनुपस्थित रहना शोभा नहीं देता है। आपकी अनुपस्थिति के चलते एजेंसी के काम रुकावट आ रही है। बता दें कि सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित लोगों के पुनर्वास का काम SSPA देख रही है।


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